पंकज चौधरी ही बनेंगे यूपी BJP के प्रदेश अध्यक्ष, बस औपचारिक ऐलान बाकि,निर्विरोध नामांकन ने सब कुछ साफ कर दिया
पंकज चौधरी ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. पंकज चौधरी का नामांकन सीएम योगी आदित्यनाथ उपमुख्यमंत्री विनोद तावड़े और चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय की मौजूदगी में दाखिल किया गया.
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उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चल रही काफी गहमागहमी चल रही है. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. पंकज चौधरी ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. पंकज चौधरी का नामांकन सीएम योगी आदित्यनाथ उपमुख्यमंत्री विनोद तावड़े और चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय की मौजूदगी में दाखिल किया गया. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि पंकज चौधरी निर्विरोध बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनेंगे. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी बाकि है.
आज दोपहर बीजेपी मुख्यालय हजरतगंज में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पंकज चौधरी ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान पार्टी के बड़े नेता मौजूद रहे. पंकज चौधरी का नामांकन पत्र चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने स्वीकार कर लिया है. नामांकन दाखिल करने का समय दोपहर 3 बजे तक निर्धारित था. लेकिन पंकज चौधरी के अलावा किसी भी अन्य दावेदार ने पर्चा दाखिल नहीं किया. ऐसे में अब यह तय माना जा रहा है कि पंकज चौधरी के नाम का औपचारिक ऐलान और निर्वाचन की घोषणा कल यानी 14 दिसंबर को कर दी जाएगी. यह आधिकारिक घोषणा केंद्रीय चुनाव अधिकारी पीयूष गोयल की उपस्थिति में होगी.
रविवार को लखनऊ के एक बड़े सभागार में आयोजित कार्यक्रम में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा. इस दौरान राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम की भी घोषणा की जाएगी. पंकज चौधरी का निर्वाचन बीजेपी की ओबीसी (कुर्मी) समुदाय को साधने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
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ये सभी नेता रहे पंकज चौधरी के प्रस्तावक
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- केशव प्रसाद मौर्य
- ब्रजेश पाठक
- स्मृति ईरानी
- सूर्यप्रताप शाही
- स्वतंत्रदेव
- दारा सिंह चौहान
- ए के शर्मा
- कमलेश पासवान
- अशीम अरुण
कुर्मी वोट बैंक को साधने की होगी कोशिश
पंकज चौधरी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कुर्मी वोट बैंक को बीजेपी की तरफ वापसी कराना होगा जो कि 2022 के विधानसभा चुनाव से सपा की ओर जा चुका है. 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान कुर्मी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा सपा की ओर रुख कर गया था जिसे वापस लाना पंकज चौधरी के लिए आसान नहीं होगा.पंकज चौधरी को सपा के क्षेत्रीय कुर्मी क्षत्रपों जैसे रामप्रसाद चौधरी और लालजी वर्मा से भी चुनौकती का सामना करना पड़ेगा जिनकी अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ है. माना जा रहा है कि पंकज चौधरी के माध्यम से एक संदेश बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (एस) को भी दिया गया है. क्योंकि अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल भी कुर्मी वोट बैंक की राजनीति करती हैं. पंकज चौधरी से पहले स्वतंत्र देव सिंह, ओम प्रकाश सिंह, विनय कटियार भी कुर्मी समाज से यूपी में बीजेपी के अध्यक्ष चुके हैं. बीजेपी ने 2027 चुनाव से पहले कुर्मी कार्ड खेला है. यह एक अच्छा राजनीतिक दांव है. लेकिन इस समाज को पूरी तरह से किसी एक पार्टी के पक्ष में ले जाना अब तक असंभव रहा है. वो फिर चाहे बेनी प्रसाद वर्मा हों या फिर विनय कटियार ये भी ये काम नहीं कर पाए.
इन नामों के प्रदेश अध्यक्ष बनने की थी चर्चा
पिछले कुछ दिनों से कई लोगों का नाम यूपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल बताया जा रहा था. इसमें सबसे पहला नाम डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का था. ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी केशव प्रसाद मौर्य के राजनीतिक पद को बढ़ाना चाहती है. इस रेस साध्वी निरंजन ज्योति, राज्यसभा सांसद बनवारी लाल वर्मा उर्फ बीएल वर्मा जैसे कई बड़े नेताओं का भी सामने आया. लेकिन आज पंकज चौधरी के निर्विरोध नामांकन ने इन सभी चर्चाओं को शांत कर दिया है.











