लखनऊ के दीपक गुप्ता के खिलाफ जिसने करवाया रेप और SC-ST एक्ट का केस, उल्टा उसी लड़की को मिली सख्त सजा
UP News: लखनऊ में दीपक गुप्ता के खिलाफ दलित समाज की लड़की ने रेप और एससी-एसटी के तहत केस दर्ज करवाया था. अब इस मामले में कोर्ट का फैसला आया है और खुद लड़की ही फंस गई है.
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UP News: लखनऊ के मोहनलाल गंज के रहने वाले दीपक गुप्ता की जिंदगी 3 जून साल 2025 के बाद से बदल गई थी. दीपक गुप्ता के पड़ोस में रहने वाली दलित समाज की रिंकी नाम की लड़की ने इस दिन दीपक के खिलाफ रेप और एससी-एसटी के तहत केस दर्ज करवाया था. दीपक इस केस के बाद बुरी तरह से फंस गया था और इस केस के चक्कर में उसकी पारिवारिक जिंदगी और सामाजिक प्रतिष्ठा को भी चोट पहुंची थी.
रिंका का कहना था कि वह दीपक के साथ पिछले 5 सालों से रिश्ते में थी. इस दौरान दीपक ने उससे शादी का वादा किया था और उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाए थे. मगर फिर उसने किसी दूसरी युवती के साथ शादी कर ली और उसे धोखा दे दिया. इस दौरान उसके मां और भाइयों ने उसके साथ खूब मारपीट भी की. बता दें कि अब इस केस में कोर्ट का ऐसा फैसला आया है जिसके बाद पीड़ित दिख रही रिंकी खुद फंस गई है और इस मामले की जमकर चर्चा हो रही है.
रिंकी ने कर दिया था मेडिकल कराने से मना
रिंकी ने जब दीपक के खिलाफ शिकायत की थी, उस समय उसने अपना मेडिकल करवाने से साफ मना कर दिया था. कोर्ट ने रिंकी को भी तलब किया था. मामले की जांच के दौरान रिंकी अपनी बातों में खुद ही फंसती चली गई.
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तत्कालीन एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा की ओर से दिए गए आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से पहले ही कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लिया और रिंकी को कोर्ट में तलब किया. जांच के दौरान सामने आया कि जिस दिन रिंकी ने अपने साथ दुराचार का आरोप लगाया था, उस दिन उसके साथ ये घटना नहीं हुई थी. ऐसे में इसका कोई मामला बनता ही नहीं था. जांच में सामने आया कि रिंकी ने दीपक गुप्ता के खिलाफ फर्जी केस दर्ज करवाया था और उसे फंसाने की कोशिश की थी.
प्रेमी की शादी होने से नाराज थी रिंकी
कोर्ट ने जांच के बाद माना की दीपक की शादी होने के बाद से रिंकी उससे नाराज थी. उसने दीपक को सबक सिखाने के लिए उसके खिलाफ फर्जी केस दर्ज करवाया और फर्जी आरोप लगाए. रिंकी की साजिश थी की दीपक की शादीशुदा जिंदगी भी खराब की जाए.
अब रिंकी को मिली सजा
अब रिंकी को दुराचार और एससी/एसटी एक्ट के तहत झूठा केस दर्ज करवाने के मामले में दोषी पाया गया है. अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश ने रिंकी को 3 साल की सजा सुनाई है और उसके खिलाफ 30 हजार का जुर्मान भी लगाया है. कोर्ट ने फैसले में कहा कि जुर्माने की आधी राशि दीपक गुप्ता को दी जाएगी.
विशेष लोक अभियोजक अरविंद मिश्रा के मुताबिक, कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि रिंकी ने दीपक को फंसाने के लिए, उसे जेल भिजवाने के लिए केस दर्ज करवाया था. उसने एससी/एसटी एक्ट का गलत इस्तेमाल किया था. इसी के साथ कोर्ट ने ये भी आदेश दिए हैं कि इस मामले में अगर रिंकी को किसी भी तरह की राहत राशि दी गई है तो उसे फौरन वापस लिया जाए.











