उत्तर प्रदेश में आगामी नगर निकाय चुनाव को लेकर सियासी तपिश बढ़ती जा रही है. चुनावी सरगर्मियों के बीच राजनीतिक पार्टियों ने नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर मेयर पद के लिए प्रत्याशियों की घोषणा शुरू कर दी है. इसी कड़ी में मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने सहारनपुर से मेयर पद के लिए खदीजा मसूद को अपना प्रत्याशी घोषित किया. बसपा नेता इमरान मसूद की समधन गरिमा उर्फ खदीजा मसूद हिंदू जाट परिवार की बेटी होने की वजह से ओबीसी कोटे में आती हैं.
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कौन हैं खदीजा मसूद?
खदीजा मसूद बसपा नेता इमरान मसूद के चचेरे भाई शाजान मसूद की पत्नी हैं और इमरान मसूद की समधन भी हैं. खदीजा मसूद उर्फ गरिमा का जन्म साल 1984 में लखीमपुर जिले के गोला में जाट परिवार में हुआ था. लेकिन पिछले लगभग बीस साल पहले खदीजा मसूद के पिता वीरेंद्र सिंह और माता विमला सिंह परिवार सहित लखनऊ में आकर बस गए थे.
खदीजा मसूद ने अमेठी से बायोटेक्नोलॉजी से BSc की डिग्री हासिल की है. उनके दो लड़के हैं. बड़ा लड़का शायान मसूद पहले से ही राजनीति में सक्रिय होने के साथ साथ इंटरनेशनल शूटर भी है. उसने इंटरनेशनल शूटिंग में पांच साल इंडिया को रिप्रजेंट किया है. तीन बार जूनियर नेशनल चैंपियन भी रहा है. साल 2012 में शूटिंग रैंकिंग में वर्ल्ड नम्बर 2 पर रहा है. खदीजा मसूद का छोटा बेटा अभी 10वीं क्लास का छात्र है. खदीजा मसूद खुद एक कुशल गृहणी के साथ-साथ समाज सेवा में भी अपना समय देती रहती हैं.
खदीजा मसूद के पति शाजान मसूद मुख्यतः खेती का कार्य करते हैं. उनके अपने आम के बाग और उत्तराखण्ड में फार्म हाउस भी है. शाजान मसूद उत्तर प्रदेश सियासत के मशहूर नेता कार्जी रशीद मसूद के बेटे हैं.
क्या है हिंदू कनेक्शन?
गरिमा उर्फ खदीजा मसूद के पति शाजान मसूद की यह दूसरी शादी है. उनकी पहली पत्नी से उनका किन्हीं पारिवारिक कारणों से तलाक हो गया था. शाजान मसूद की पहली पत्नी से उनको एक बेटा शयान मसूद हुआ था. पहली पत्नी से तलाक के बाद शाजान मसूद की शादी एक हिंदू जाट परिवार में हुई और शादी के बाद उनकी हिंदू पत्नी गरिमा ने अपना नाम बदलकर खदीजा मसूद रख लिया. खदीजा मसूद को एक बेटा आयान मसूद हुआ, जो कि इस समय दसवीं कक्षा का छात्र है.
खदीजा मसूद उर्फ गरिमा को ही क्यों बनाया गया प्रत्याशी?
इमरान मसूद की पत्नी की जगह खदीजा मसूद को टिकट इसलिए दिया गया है क्योंकि पहले सहारनपुर सीट को महिला के लिए आरक्षित किया गया था. तब बसपा ने इमरान मसूद की पत्नी को मेयर प्रत्याशी घोषित कर दिया था. लेकिन अब सहारनपुर की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है और इमरान मसूद की पत्नी पिछड़ा वर्ग से नहीं आती हैं. इसलिए उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया जा सकता है, जबकि खदीजा मसूद जाट परिवार की बेटी होने के कारण ओबीसी कोटे से आती हैं. इसलिए बसपा ने उन्हें मेयर पद के लिए प्रत्याशी बनाया है.
खदीजा मसूद का कहना है कि मेयर बनने के बाद उनकी प्राथमिकता शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने की रहेगी. वहीं, इमरान मसूद भी अपनी समधन की जीत को लेकर पूरे आश्वस्त हैं. उनका कहना है कि उनकी पार्टी की प्रचंड बहुमत से जीत होगी.
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