संगठन का माइक्रोमैनेजमेंट और CM योगी का प्रचार… ऐसे बनी यूपी में BJP की ट्रिपल इंजन की सरकार

कुमार अभिषेक

• 10:35 AM • 14 May 2023

UP Nikay Chunav Results 2023: यूपी की निकाय चुनाव की जीत ने योगी का कद पार्टी में एकबार फिर बढ़ाया तो सुनील बंसल की जगह…

सीएम योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ

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UP Nikay Chunav Results 2023: यूपी की निकाय चुनाव की जीत ने योगी का कद पार्टी में एकबार फिर बढ़ाया तो सुनील बंसल की जगह आये नए संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह को अपनी पहचान दे दी. निकाय चुनाव के नतीजों और दो विधानसभा उपचुनाव में एनडीए की जीत में सबसे अहम भूमिका खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की थी. जिन्होंने यूपी में अपने मेहनत और करिश्मे से निकाय चुनाव में एक नई इबारत लिख दी. ऐसा इतिहास ही रच गया जब बीजेपी ने सभी 17 मेयर की सीटें 199 में 88 नगर पालिका अध्यक्ष और 544 नगर पंचायतअध्यक्ष में 191 सीटें जीत ली.

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कर्नाटक चुनाव का दिखा असर

जब कर्नाटक मैं मोदी मैजिक नहीं चला और बीजेपी कांग्रेस के आगे चारों खाने चित हो गई. तभी उत्तर प्रदेश से बीजेपी के लिए निकाय चुनाव की जो सुखद खबर आई उसने पार्टी के निराशा भरे भाव को थोड़ा कम कर दिया. यूं तो इन दोनों चुनाव को कहीं से जोड़ा नहीं जा सकता लेकिन अंदरखाने बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव ने सियासत की तपती गर्मी में बारिश के बूंदों का एहसास करा दिया. उचटे मन से ही सही लेकिन पार्टी ने जश्न मना कर यह दिखाने की कोशिश की कि उत्तर प्रदेश कि सियासत पर कर्नाटक का कोई असर नहीं है.

शनिवार को जब मतगणना चल रही थी तब यूपी के निकाय चुनाव में बीजेपी स्वीप कर रही थी लेकिन कर्नाटक चुनाव नतीजों ने बीजेपी के दफ्तर को बोझिल भाव से भर दिया था. पार्टी दफ्तर में बमुश्किल 40-50 कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे, जिन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि निकाय चुनाव के जीत का जश्न मनाए या कर्नाटक के हार का गम. कार्यकर्ताओं में निराशा का भाव ना रहे इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के पार्टी दफ्तर पहुंचे. आतिशबाजी हुई एक दूसरे को मिठाईयां खिलाई गई लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर्नाटक के नतीजों पर चुप रहना ही बेहतर समझा.

लखनऊ के पार्टी दफ्तर में कर्नाटक के रुझान आते ही बीजेपी नेताओं के चेहरे मुरझाये हुए थे लेकिन बीजेपी दफ्तर के पहले तल्ले पर बना निकाय चुनाव के कंट्रोल रूम में काफी गहमागहमी थी. इस कंट्रोल रूम पर नजर थी संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह की जो पल-पल नगर निगम के मेयर के सीटों,नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष की गिनती पर अपनी नजर बनाए हुए थे. जैसे ही मुरादाबाद मेयर की सीट बीजेपी ने लगभग करीब साढ़े तीन हजार से जीती वैसे ही बीजेपी के कंट्रोल रूम में खुशी की लहर दौड़ गई क्योंकि बाकी तमाम सीटों पर बीजेपी निर्णायक बढ़त बना चुकी थी.

यूपी में जीत के लिए पार्टी ने बनाई थी ये रणनीति

धर्मपाल सिंह के लिए यह खुद को साबित करने का मौका था. जिस विशाल संगठन को सुनील बंसल, धर्मपाल सिंह के हवाले करके गए थे उसे संभालने का यह सुनहरा मौका था, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया. निकाय चुनाव को लेकर धर्मपाल सिंह ने माइक्रोलेवल पर दो प्रयोग किए एक था. बूथ विजय अभियान, जिसमें बूथ के सभी कार्यकर्ताओं को 3 दिन पहले घर घर पर्चियां पहुंचाने और मतदाताओं के घर-घर पंहुचने का जिम्मा दिया गया था. दूसरा हर बूथ पर उन्होंने कार्यकर्ताओं की कई टोली बनाई थी जो एक दूसरे के कामों पर नजर रख रही थी और हर छोटी बड़ी बात कंट्रोल रूम को रिपोर्ट की जाती थी. योगी और संगठन की मेहनत ने बीजेपी की प्रचंड जीत का रास्ता प्रशस्त किया.

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