UP चुनाव 2022: BJP ने ‘मैजिक 5’ को सौंपी अहम जिम्मेदारी, ये है माइक्रो मैनेजमेंट प्लान

शिल्पी सेन

• 09:43 AM • 24 Sep 2021

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का एक बार फिर माइक्रो मैनेजमेंट पर खास जोर…

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का एक बार फिर माइक्रो मैनेजमेंट पर खास जोर दिख रहा है. यूपी में संगठनात्मक रूप से पार्टी के 6 क्षेत्र काशी, गोरक्ष, अवध, कानपुर- बुंदेलखंड, ब्रज और पश्चिम क्षेत्र हैं.

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बीजेपी ने अभी एक-एक क्षेत्र में 5 पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी हैं. इसमें पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष, संगठन मंत्री, चुनाव सह-प्रभारी, संगठन के सह-प्रभारी और यूपी बीजेपी महामंत्री शामिल हैं. इस ‘मैजिक 5’ यानी पांच की ‘शुभ संख्या’ पर चुनावी रणनीति से लेकर चुनावी प्रबंधन तक की अहम जिम्मेदारी होगी.

जानकारी के मुताबिक, अब बीजेपी और माइक्रो मैनेजमेंट करते हुए इन प्रभारियों के काम में भी बंटवारा कर सकती है. इसके जरिए पार्टी 350 सीटों के लक्ष्य को भेदना चाहेगी.

इस बीच बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक का कहना है कि ‘बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है. पार्टी के सभी बड़े नेता भी कहीं न कहीं कार्यकर्ता हैं. ऐसे में पार्टी को आगे ले जाने के लिए सभी काम करते हैं.’

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ल कहते हैं, ”बीजेपी शुरू से विकेंद्रीकरण करती रही है. इस बार ये और भी ज्यादा होगा. ये इन 6 क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है. गांव और ब्लॉक स्तर पर भी दिखाई पड़ता है. इसकी वजह ये है कि पिछले कई चुनावों में भी बीजेपी को इस माइक्रो मैनेजमेंट का लाभ हुआ है.”

बताया जा रहा है कि अक्टूबर और नवंबर में बीजेपी के सभी चुनाव सह-प्रभारी और संगठन सह-प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में हर जिले का दौरा करेंगे. इसके बाद चुनाव सह-प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान को और संगठन सह-प्रभारी राधा मोहन सिंह को रिपोर्ट देंगे. इससे एक-एक जिले में संगठन की जमीनी हकीकत का आकलन भी हो सकेगा.

चुनाव में बड़े चेहरों को सीमित क्षेत्र की जिम्मेदारी देकर बीजेपी ने यह भी तय कर दिया है कि उनके कार्य अनुभव और उनकी योग्यता का फायदा पार्टी को ज्यादा से ज्यादा मिले.

पन्ना प्रमुख के तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री सहित कई बड़े नेताओं को जिम्मेदारी मिलना भी लगभग तय है जो इसी माइक्रो मैनेजमेंट का ही हिस्सा है. ये रणनीति बूथ स्तर तक के प्रबंधन में पार्टी को और मजबूत करने के लिए होगी.

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