प्रियंका का PM को खत- आज अजय मिश्रा टेनी के साथ मंच साझा मत कीजिए, उन्हें बर्खास्त करिए

आशीष श्रीवास्तव

• 04:59 AM • 20 Nov 2021

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को भले ही तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन किसानों के मुद्दों से…

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को भले ही तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया हो, लेकिन किसानों के मुद्दों से जुडी राजनीति अभी भी नहीं थमी है. बता दें कि आज यानी शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक खत जारी कर पीएम मोदी से एक मांग की. दरअसल, प्रियंका ने पीएम मोदी से शनिवार को लखनऊ में होने वाली डीजीपी कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के साथ मंच साझा न करने की बात कही है. आपको बता दें कि अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में किसानों को गाड़ी से रौंदने का आरोप है. खबर में आगे जानिए प्रियंका ने अपने खत में क्या कहा.

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कांग्रेस महासचिव ने कहा,

“कल देशवासियों को संबोधित करते हुए आपने कहा कि सच्चे मन और पवित्र हृदय से किसानों के हित को देखते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है. अगर यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलवाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए लेकिन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं. अगर आप डीजीपी कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं, तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं.”

प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव

इसके बाद प्रियंका ने कहा, “अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नियत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईए, उनको बर्खास्त कीजिए.”

प्रियंका ने कहा- ‘शहीद किसानों के परिजन असहनीय पीड़ा में हैं’

इसके अलावा प्रियंका ने कहा, “महोदय, मैं लखीमपुर के शहीद किसानों के परिजनों से मिली हूं. वे असहनीय पीड़ा में हैं. लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में जांच की हालिया स्थिति उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है. देश की कानून व्यवस्था के जिम्मेदार गृह मंत्री श्री अमित शाह जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं.”

आपको बता दें कि शुक्रवार को प्रियंका गांधी ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद कहा था कि चुनाव में आसन्न हार को देखते हुए प्रधानमंत्री को सच्चाई समझ आने लगी है, लेकिन उनकी नीयत और बदलते रुख पर विश्वास करना मुश्किल है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले करीब एक वर्ष से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की और कहा कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा.

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