उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद पहली कोर कमेटी की बैठक मंगलवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर हुई. इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के बीच चर्चा हुई. ऐसे में अब संगठन और प्रदेश मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल के कयास तेज हो गए हैं. माना जा रहा है कि मकर संक्रांति के बाद नई कार्यकारिणी का गठन और मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों को सरकार से संगठन और कुछ को संगठन से सरकार में भेजा जा सकता है.
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योगी मंत्रिमंडल में 54 मंत्री बनाए गए थे 6 पद खाली थे.लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव के बाद दो और योगी के मंत्रियों को केंद्र में मंत्री बनाया गया जिसमें जितेंद्र प्रसाद और अनूप प्रधान के नाम शामिल हैं. ऐसे में मंत्रिमंडल में कई पद खाली हैं. माना जा रहा है कि प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को नई मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. इसके अलावा कई मंत्रियों को संगठन में और कुछ संगठन के चेहरों को सरकार में लाया जा सकता है.
कुछ राज्य मंत्रियों का कद बढ़ सकता है जिन्हें स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है बोर्ड और निगमों में भी कई चेहरों का समायोजन होगा. माना जा रहा है कि पश्चिम की भागीदारी बढ़ सकती है क्योंकि पूरब से ही मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष हैं ऐसे में पश्चिम के चेहरे बढ़ाए जा सकते हैं. हाल में ब्राह्मण विधायकों की बैठक का असर भी दिखाई दे सकता है.आगामी 2027 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए पश्चिमी यूपी के कई चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। साथ ही, हाल ही में हुई ब्राह्मण विधायकों की बैठक के बाद यह भी माना जा रहा है कि ब्राह्मण समुदाय के प्रतिनिधित्व को और मजबूती दी जाएगी. पार्टी का मुख्य उद्देश्य 2027 के चुनाव से पहले एक ऐसी टीम तैयार करना है जो सामाजिक समीकरणों को साध सके.
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