लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र स्थित स्वास्तिका सोसाइटी में सड़क कब्जाने के आरोप में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, जौनपुर के महराजगंज की ब्लॉक प्रमुख मांडवी सिंह के पति विनय सिंह, उनके सरकारी गनर समेत कुल 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले में कब्जे को सहयोग देने के आरोप में पुलिस कमिश्नर ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने के इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है. पूरे मामले की जांच एसीपी गोसाईगंज को सौंपी गई है.
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पीड़ित कौशल तिवारी ने क्या बताया
पीड़ित कौशल तिवारी ने बताया कि महाराजगंज ब्लॉक प्रमुख विनय सिंह ने यहां करीब 4500 स्क्वायर फीट जमीन ली है. उनके मकान से सटा 20 फीट चौड़ा रास्ता बैनामे में दर्ज है, जिसकी पुष्टि सोसाइटी देने वाले व्यक्ति ने भी की है. विनय सिंह ने रास्ते की एंट्री वाली जगह पर एक दीवार और दूसरी दीवार वहां खड़ी कर दी, जहां से अन्य लोगों के घर शुरू होते हैं. इससे पूरी कॉलोनी का रास्ता बंद होने की स्थिति बन गई. जब कॉलोनी वालों ने विरोध किया तो विनय सिंह मानने को तैयार नहीं हुए. आरोप है कि 112 पर कॉल करने के बाद भी उन्होंने कहा कि 'कुछ भी कर लो, रास्ता बंद होगा.' आरोप यह भी है कि जब कॉलोनी के लोग एकजुट होकर दीवार तोड़ने लगे तो विनय सिंह अपने साथियों के साथ राइफल लेकर आ गए और जान से मारने की धमकी देने लगे. इस दौरान पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची. लेकिन दीवार खड़ी करने से मना करने की हिम्मत नहीं दिखाई. उल्टा पीड़ितों से कहा गया कि 16 फीट के रास्ते का इस्तेमाल करें.
इंस्पेक्टर ने फेंक दी थी तहरीर?
इसके बाद कॉलोनीवासी सुशांत गोल्फ सिटी थाने पहुंचे और एसएचओ उपेंद्र सिंह को तहरीर दी. लेकिन इंस्पेक्टर ने तहरीर फेंक दी. सभी लोग निराश होकर लौट आए. करीब 20 मिनट बाद पता चला कि कौशल तिवारी और धीरेंद्र मणि त्रिपाठी के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया है.
इसके बाद पीड़ितों ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल, पुलिस कमिश्नर समेत अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा. 30 दिसम्बर को पुलिस कमिश्नर से मुलाकात हुई, जहां तत्काल जांच के आदेश दिए गए और इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया. इसके बाद विनय सिंह, धनंजय सिंह समेत 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया.
लोगों ने विनय सिंह को लेकर क्या बताया?
धीरेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि पूरे मोहल्ले में विनय सिंह का खौफ है, जिसके चलते पहले कोई शिकायत करने को तैयार नहीं था. जब हद पार हो गई तो मोहल्ला एकजुट हुआ. आरोप है कि विनय सिंह ने डामर की सड़क खोदकर खड़ंजा बना दिया और कब्जा करने लगे. वह सड़क पर कब्जा कर बगल में खाली पड़े करीब 2000 स्क्वायर फीट प्लॉट पर भी कब्जा करना चाहते थे. दीवार गिरने के बाद जब बच्चे सफाई करने लगे तो उन्हें धमकी दी गई कि फिर बंदूक निकाली जाएगी. विनय सिंह चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे कि इस रास्ते को फोर्स बनवाएगी.
उमा तिवारी ने बताया कि विनय सिंह दबंग किस्म के व्यक्ति हैं. मोहल्ले में आने के बाद से ही वह माहौल बनाने लगे थे. उनके साथ हमेशा 8-10 लड़के और एक गनर रहता था. 29 दिसंबर को जब कब्जा करने लगे तो विरोध पर राइफल निकालकर जान से मारने की धमकी दी गई. इसके बाद उन्होंने किसी बड़े नेता को फोन पर बात करते हुए सुनाया, हालांकि वह नेता कौन थे इसकी जानकारी नहीं है.
साधना तिवारी ने बताया कि वे पिछले 8 साल से यहां रह रही हैं. करीब दो साल पहले खुद को ब्लॉक प्रमुख बताने वाले विनय सिंह ने मकान बनवाया और इसके बाद सड़क पर कब्जा करने लगे. विरोध करने पर राइफल निकाल ली और ईंट से मारने के लिए लोगों को दौड़ा लिया। घटना के बाद से पूरा परिवार डरा हुआ है.
सपना रावत ने बताया कि साल 2012 में उनके पिता ने जमीन खरीदी थी और बगल में 2000 स्क्वायर फीट प्लॉट का भी बैनामा कराया था. बाद में पता चला कि जमीन विवादित है और चार लोगों का कब्जा है. 8 नवंबर को विनय सिंह उनके घर आए और जमीन खरीदने की बात कही. सपना ने कहा कि अगर 10 लाख रुपए मिल जाएं तो कोई आपत्ति नहीं होगी. विनय सिंह ने कहा कि रजिस्ट्री के दिन पैसा मिल जाएगा. इसके बाद कोई बातचीत नहीं हुई. आरोप है कि विनय सिंह ने अचानक सीमेंट की दीवार खड़ी करनी शुरू कर दी. पहले लोगों को लगा कि सुरक्षा के लिए दीवार बनाई जा रही है, लेकिन बाद में अंदर की तरफ ईंट-सीमेंट की बाउंड्री बनने लगी. विरोध करने पर वह मारपीट पर उतारू हो गए.
धनंजय सिंह के समर्थकों का क्या है पक्ष?
FIR दर्ज होने के बाद समर्थकों का कहना है कि इस मामले में बाहुबली नेता धनंजय सिंह के जबरदस्ती पार्टी बनाया जा रह है. उनका इस केस से कोई लेना देना नहीं है. वहीं, एक वीडियो भी शेयर किया जा रहा है जिसमें दावा है कि दोनों पक्ष इस बात को कह रहे हैं कि उनके धनंजय सिंह से अच्छे रिश्ते हैं.
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