सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने यूपी सरकार की नौकरियों में ओबीसी जाति की नियुक्तियों के मसौदे का स्वागत किया है. राजभर ने कहा कि सामाजिक न्याय की लड़ाई के लिए पिछड़ों के आरक्षण और उनकी भागीदारी जरूरी है. अखिलेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया, लेकिन सरकारी नौकरियों में ओबीसी जातियों में किसे क्या मिला यह जानना जरूरी है. सीएम योगी का कदम स्वागत योग्य है क्योंकि इससे सामाजिक न्याय की लड़ाई में और सहयोग मिलेगा.
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ओम प्रकाश राजभर जातिगत जनगणना को लेकर पटना तक यात्रा निकालेंगे जिसमें बिहार सरकार से संवाद होगा. उन्होंने कहा कि जाति की जनगणना पर अब नीतीश कुमार भी जवाब दें. सपा,बसपा और कांग्रेस हमेशा ही जातिगत जनगणना के मामले में हाथ पीछे करती हैं. सदन में भी बोलने नहीं देती हैं.
सरकारी नौकरियों की जानकारी से आगे जातिगत जनगणना का रास्ता खुलेगा जो एक अच्छी पहल है. पिछड़ी जातियों को लेकर बीजेपी सरकार ने नौकरियों में उसका ब्यौरा निकालने की मंशा रखी बाकी सभी सरकारों ने पल्ला झाड़ लिया.
गौरतलब है कि सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों के लोगों का प्रतिनिधित्व का पता लगाने के लिए योगी सरकार ने एक अभियान चलाने का फैसला किया है. इसके तहत नए सिरे से सभी विभागों में पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व का आंकलन किया जाएगा. इसके लिए योगी सरकार ने ब्यौरा मांगा है. इस अभियान से पता लगाया जा सकेगा कि सभी विभागों में प्रदेश की पिछड़ी जातियों की 79 उप जातियों में से किसका कितना प्रतिनिधित्व है कुल कितने कर्मचारी हैं.
विपक्ष नीतीश कुमार को PM पद का उम्मीदवार बनाए तो राष्ट्रीय स्तर पर लाभ मिलेगा: ओपी राजभर
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