लोकसभा उपचुनाव के लिए आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी ने जिस दलित चेहरे को चुनाव के लिए आंतरिक रुप से तय किया था अब वह नाम कट गया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सुशील आनंद का नाम तय था, लेकिन अब पार्टी ने डिंपल यादव या धर्मेंद्र यादव पर ही दांव लगाने का फैसला किया है.
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डिंपल यादव के चुनाव लड़ने के आसार आजमगढ़ से सबसे ज्यादा हैं. वैसे चर्चा डिंपल यादव के साथ धर्मेंद्र यादव की भी है, लेकिन अब यह बात लगभग तय हो चुकी है कि सुशील आनंद चुनाव नहीं लड़ेंगे.
पार्टी सूत्रों ने पहले बताया था कि इस बार समाजवादी पार्टी आजमगढ़ में दलित प्रयोग करेगी लेकिन स्थानीय समाजवादी पार्टी के नेताओं और आजमगढ़ के जिला यूनिट के विरोध के बाद अखिलेश यादव ने अपना मन बदल लिया है और डिंपल यादव पर पार्टी दांव लगा सकती है.
बता दें कि पार्टी ने बामसेफ के संस्थापक सदस्यों में रहे बलिहारी बाबू के बेटे सुशील आनंद को आजमगढ़ से लोकसभा उपचुनाव का टिकट दिया था. मगर अब चर्चा है कि डिंपल या धर्मेंद्र यादव को पार्टी उम्मीदवार बना सकती है.
सुशील आनंद के पिता बलिहारी बाबू ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी. वे लंबे समय तक बामसेफ और फिर बसपा के साथ रहे थे, लेकिन कोरोना में उनकी मृत्यु हो गई थी. गौरतलब है कि मायावती की बीएसपी ने मुस्लिम चेहरे गुड्डू जमाली पर दांव लगाया है, जबकि बीजेपी ने दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ पर फिर भरोसा जताया है.
आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव: SP ने दलित चेहरे पर खेला दांव, सुशील आनंद को बनाया उम्मीदवार
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