कौन बना था वाराणसी लोकसभा सीट का पहला सांसद? क्या आप यह रोचक किस्सा जानते हैं

Intresting Fact about Varanasi: ये तो आपने सुना ही होगा कि वाराणसी की राजनीति से न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरा देश प्रभावित होता है.…

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Intresting Fact about Varanasi: ये तो आपने सुना ही होगा कि वाराणसी की राजनीति से न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरा देश प्रभावित होता है. दरअसल, कमलापति त्रिपाठी से लेकर राज नारायण और वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की सियासत के ऐसे दिग्गज हैं, जिन्होंने वाराणसी सीट पर चुनाव लड़ कर ही सफलता पाई और उनका राजनीतिक ग्राफ ऊपर गया. मगर क्या आप जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पहली बार लोकसभा का चुनाव कौन जीता था? आइए आपको यह रोचक किस्सा बताते हैं.

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आपको बता दें कि वाराणसी के पहले आम चुनाव में ठाकुर रघुनाथ सिंह की जीत हुई थी. वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे, विद्वान थे और संस्कृत के बहुत बड़े ज्ञाता थे. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा ने वाराणसी की राजनीतिक विरासत को साझा करते हुए बताया कि बनारस के संसदीय क्षेत्र का गठन 1952 में हुआ था और ठाकुर रघुनाथ सिंह को बनारस से पहली बार लोकसभा चुनावों में जीत मिली थी. यह जीत उन्हें 3 लाख वोटों से मिली थी, सिर्फ यही नहीं उन्होंने 1952, 1957 और 1962 तीनों आम चुनावों में अपनी जीत का परचम लहराया था. 1952 में जब पहली बार काशी में लोकसभा के चुनाव हो रहे थे तब इस शहर को संसदीय क्षेत्र बनाने की घोषणा भी की गई थी पर उस समय यह कार्य पूरा नहीं हो सका था.

पुराने सियासी जानकारों की मानें तो 1962 के बाद जब भारत और चीन का अग्रेशन हुआ और पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन हुआ, तब से बनारस की राजनीति में सोशलिस्ट राजनेताओं की भी एंट्री हो गई. वहीं से बनारस नीति में लोहिया का नाम भी उभरा, जिसके बाद काशी की राजनीति पूरे देश को प्रभावित करती चली गई और कभी कांग्रेस तो कभी जनसंघ समेत अन्य पार्टियों के वाराणसी के सांसद निकले.

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