खेती अब सिर्फ परंपरागत फसलों तक सीमित नहीं रह गई है. औरैया जिले में कृषि क्षेत्र में एक नई पहल ने न केवल उत्पादन को बढ़ाया है बल्कि रोजगार और महिला सशक्तिकरण की एक मजबूत मिसाल भी पेश की है. बता दें कि जिले के बिधूना नगर स्थित सूरजपुर गांव में स्थापित बटन मशरूम प्लांट आज पूरे जिले के लिए प्रेरणा बनकर उभरा है. इस आधुनिक प्लांट की स्थापना गिरेंद्र पाल सिंह ने की है. इस प्लांट में हर दिन बड़ी मात्रा में बटन मशरम का उत्पादन कर आसपास के बाजारों में सप्लाई किया जा रही है.
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जिले का पहला बड़ा बटन मशरूम प्लांट
यह प्लांट औरैया जिले का पहला ऐसा बटन मशरूम प्लांट है जहां प्रतिदिन करीब 2 से 2.5 क्विंटल मशरूम का उत्पादन हो रहा है. गिरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि यह प्लांट छह मंजिल में तैयार किया गया है और यहां पूरे दिन मशरूम की कटाई और पैकिंग का काम चलता रहता है. प्रतिदिन निकलने वाले मशरूम की बाजार में कीमत करीब 70 हजार रुपये तक पहुंच जाती है. उन्होंने आगे बताया कि यहां से तैयार मशरूम औरैया, इटावा, दिबियापुर और बिधूना के बाजारों में सप्लाई किया जा रहा है.
15 लोगों को मिला स्थायी रोजगार
इस बटन मशरूम प्लांट ने स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर खोले हैं. फिलहाल यहां करीब 15 लोगों को नियमित रोजगार मिला हुआ है जिनमें 6 से 7 महिलाएं भी शामिल हैं. महिलाएं प्लांट में मशरूम तोड़ने, एकत्र करने और पैकिंग का काम संभाल रही हैं. यह पहल ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है.
महिलाओं ने साझा किया अपना अनुभव
प्लांट में काम कर रही महिलाओं का कहना है कि उन्हें पहली बार घर के पास स्थायी रोजगार मिला है. एक महिला कर्मी मीरा देवी ने बताया कि “पहले हमारे पास कोई नियमित काम नहीं था, लेकिन अब यहां काम करके अच्छा लग रहा है. हमें मेहनत का पैसा मिल रहा है और हम आत्मनिर्भर बन रही हैं.”
एक अन्य महिला ने कहा कि मशरूम की खेती में काम करना आसान है और इससे परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है.
रिपोर्टर से बातचीत में क्या बोले गिरेंद्र पाल सिंह
यूपी Tak के रिपोर्टर से बातचीत में गिरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि “यह कोई साधारण मशरूम नहीं, बल्कि बटन मशरूम है, जिसकी बाजार में अच्छी मांग है. यहां करीब 2 से 2.5 क्विंटल रोजाना उत्पादन होता है. एक क्विंटल की कीमत लगभग 40 हजार रुपये होती है. इस प्लांट में करीब 15-16 लोग काम कर रहे हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं. छह मंजिल में पूरी खेती की गई है और पूरे दिन कटाई का काम चलता है.” उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में प्लांट की क्षमता बढ़ाने की योजना है, जिससे और ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके.
आगे बढ़ाने की योजना
गिरेंद्र पाल सिंह का कहना है कि आने वाले समय में उत्पादन बढ़ाकर और अधिक बाजारों तक मशरूम की सप्लाई की जाएगी. इससे जिले की आर्थिक गतिविधियों को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे.
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