UP News: उन्नाव में एक ही परिवार के 12 लोग लखनऊ आए और मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ने लगे. पुलिस की नजर इनपर पड़ी तो मामला संदिग्ध नजर आया. जैसे ही पुलिस ने इन सभी की जांच की तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. बता दें कि इन सभी के पास पेट्रोल की बोतलें थी और ये सभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने सामूहिक अपनी जान देने आए थे.
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आपको बता दें कि परिवार के जो 12 सदस्य मुख्यमंत्री आवास के सामने अपनी जान देने आए थे, इनमें 6 नाबालिग भी शामिल थे. पीड़ित यादव परिवार का कहना है कि उन्हें एससी-एसटी एक्ट के फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है और एक परिवार उनके पीछे पड़ा हुआ है. पीड़ित यादव परिवार का कहना है कि वो परिवार लगातार फर्जी केसों में उनको फंसा रहा है. उन लोगों ने उनकी बेटी के साथ गलत हरकत करने की भी कोशिश की है.
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क्या है पूरा मामला?
पीड़ित यादव परिवार उन्नाव का रहने वाला है. परिवार के साथ जान देने आए शख्स ने बताया, 21 नवंबर की शाम 4 बजे उनकी 16 वर्षीय बेटी नदी किनारे गई थी. वहां रोहित यादव और सरोज यादव पहले से मौजूद थे. इन दोनों ने लड़की को गलत नीयत से पकड़ लिया और उसके साथ जबरदस्ती करने लगे. जब उसने विरोध किया तो उसके प्राइवेट पार्ट पर भी हमला कर दिया गया.
पीड़ित ने आगे बताया, घटना के बाद कुछ लोग गाड़ी से आए और उनकी बेटी को धक्का देकर गिरा दिया. पीड़ित ने एफआईआर में करन यादव, माहिर पुत्र ताहिर समेत 4 से 5 अज्ञात का नाम लिखवाया है. पीड़ित का कहना है कि केस के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, क्योंकि एक नेता ने पुलिस को फोन कर दिया.
अब पीड़ित परिवार का कहना है कि आरोपी परिवार उनको फर्जी एससी-एसटी केस में फंसाना चाहता है. उनके खिलाफ फर्जी केस दर्ज करवा रहा है. इसी से तंग आकर उन्होंने परिवार के साथ मिलकर जान देने की योजना बनाई थी.
पुलिस ने ये बताया?
इस पूरे मामले को लेकर गौतम पाली थाना प्रभारी ने बताया, परिवार को हिरासत में लिया गया है. पुलिस अब दोनों पक्षों के आरोपों और सामूहिक आत्महत्या की वजहों की जांच कर रही है.
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