UP News: लखनऊ के पारा इलाके में रहने वाले 65 साल के कैलाश सिंह के घर के अंदर आखिर क्या चल रहा था? उनकी दो बेटियां राधा (24) और जिया (22) का व्यवहार पिछले 6 सालों से किसी मिस्ट्री से कम नहीं था. सामाजिक जीवन से पूरी तरह कट चुकी ये बहनें न किसी शादी-पार्टी में जाती थीं और न ही मोबाइल या सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती थीं. उनकी दुनिया सिर्फ एक कमरे और उनके पालतू जर्मन शेफर्ड टोनी तक सिमट कर रह गई थी.
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साया या डिप्रेशन?
कैलाश सिंह के घर में सन्नाटा पसरा रहता था. दोनों बहनें परिवार से अलग अपना खाना बनाती थीं और उस खाने का एक हिस्सा टोनी के लिए जरूर निकालती थीं. मां गुलाबा देवी बताती हैं कि वे इतनी अजीब हो चुकी थीं कि फोटो खिंचवाने की बात पर भी भड़क जाती थीं. मोहल्ले के लोग बताते हैं कि वे अक्सर भूत-प्रेत और किसी साये जैसी बातें किया करती थीं. परिवार को भी उन पर किसी साये का शक था, जिसके इलाज के लिए उन्हें बालाजी भी ले जाया गया. लेकिन हालात नहीं बदले.
टोनी की बीमारी और वो खौफनाक फैसला
इन दोनों बहनों के जीने और मरने की इकलौती वजह बना उनका डॉगी टोनी. टोनी पिछले एक महीने से पेट की गंभीर बीमारी से जूझ रहा था. टोनी की बिगड़ती हालत देख छोटी बहन जिया की मानसिक स्थिति और खराब हो गई. दोनों को यकीन हो गया था कि टोनी अब नहीं बचेगा. इसी तनाव और डिप्रेशन के बीच बुधवार को दोनों बहनों ने एक खौफनाक कदम उठाया और घर में रखा फिनायल पी लिया.
एक साथ थमीं सांसें...अब टोनी ने भी तोड़ा दम
फिनायल पीने के बाद उन्होंने अपनी मां को इस बारे में बताया. जब तक भाई वीर सिंह उन्हें रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल पहुंचाता रास्ते में ही राधा की मौत हो गई, जबकि जिया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. जिन बहनों ने टोनी के गम में अपनी जान दे दी थी शनिवार सुबह उसी टोनी ने भी अंतिम सांस ली.
परिवार अब टोनी के अंतिम क्रिया-कर्म की तैयारी कर रहा है. वह घर जहां कभी ये बहनें टोनी के साथ रहती थीं अब पूरी तरह सूना हो चुका है. दोनों बहनों के जाने के बाद पीछे छूट गए हैं कई सारे अनसुलझे सवाल.
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