Lucknow News: लखनऊ में सहारा इंडिया के 47 साल पुराने साम्राज्य का अब अंत होता दिख रहा है. सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के बाद सहारा की संपत्तियों पर सरकारी कार्रवाई तेज हो गई है. आपको बता दें कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA), जिला प्रशासन और नगर निगम ने मिलकर सहारा को लीज पर दी गई 19 संपत्तियों की समीक्षा शुरू कर दी है. लखनऊ नगर निगम ने गोमती नगर में स्थित सहारा शहर की 130 एकड़ जमीन को जल्द ही सील करने की घोषणा की है. मालूम हो कि यह जमीन 1994-95 में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के समय 170 एकड़ के आवंटन का हिस्सा थी. इसमें से 130 एकड़ जमीन लाइसेंस डीड के तहत आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए दी गई थी.
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नगर आयुक्त गौरव कुमार ने क्या बताया?
इस मामले को लेकर नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि सहारा समूह ने इस जमीन पर नियमों का पालन नहीं किया. उन्होंने लाइसेंस डीड की शर्तों का उल्लंघन करते हुए यहां लग्जरी बंगला, मॉडर्न थिएटर, 5000 क्षमता वाला सभागार, हवाई अड्डे जैसे स्कैनर, हेलीपैड, स्टेडियम, ऑफिस, पेट्रोल पंप, फायर स्टेशन, स्विमिंग पूल, अस्पताल और झील जैसी कई सुविधाएं बना दीं. नगर निगम ने सहारा के नोटिस के जवाब को खारिज कर दिया है और अब कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
कब्जे के बाद सुरक्षा होगी तैनात
नगर निगम ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट डालने की भी तैयारी कर ली है ताकि कोर्ट में सहारा का पक्ष आने से पहले ही निगम की बात सुनी जा सके. सीलिंग के दौरान सहारा श्री के घर में रह रहे कर्मचारी, सुरक्षा गार्ड और केयरटेकर को परिसर से बाहर निकाला जाएगा. सभी गेट सील कर दिए जाएंगे. शुरू में सिर्फ एक गेट आवाजाही के लिए खुला रहेगा, जिसे बाद में बंद करके पूरा कब्जा लिया जाएगा. सीलिंग के बाद नगर निगम अपनी सुरक्षा तैनात करेगा और पूरे परिसर को अपने कब्जे में ले लेगा.
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