कानपुर से शुरू हुए I Love Muhammad के ट्रेंड पर हुए विवाद की पूरी कहानी जानिए, देशभर में मुस्लिम क्यों निकाल रहे जुलूस?

UP News: कानपुर में हुए I Love Muhammad बैनर विवाद का असर अब पूरे देश में देखने को मिल रहा है. जानिए इस विवाद की पूरी कहानी.

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यूपी तक

22 Sep 2025 (अपडेटेड: 22 Sep 2025, 12:14 PM)

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UP News: उत्तर प्रदेश के उन्नाव, बरेली, कन्नौज, आगरा, गोंडा जैसे शहरों के अलावा उत्तराखंड के काशीपुर और तेलंगाना के हैदराबाद समेत देश के कई शहरों में I Love Muhammad के समर्थन में मुस्लिम समाज सड़कों पर उतर आया है. जगह-जगह जुलूस भी निकाले जा रहे हैं. इस दौरान कई जगह पुलिस और मुस्लिम समाज का आमना-सामना भी हुआ है. यूपी के उन्नाव में जुलूस के दौरान पुलिस पर पथराव का आरोप सामने आया है. यहां महिलाओं ने पुलिस की लाठियां छीनीऔर पुलिस की गाड़ियों को निशाना बनाकर पथराव किया गया. सवाल ये है कि अचानक I Love Muhammad को लेकर मुस्लिम समाज जुलूस क्यों निकाल रहा है? आखिर ऐसा क्या हुआ है कि मुसलमान I Love Muhammad को लेकर सड़कों पर आ रहे हैं? 

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इस पूरे विवाद की पटकथा उत्तर प्रदेश के कानपुर में लिखी गई. यहां बारावफात के जुलूस के दौरान I Love Muhammad के साइन बोर्ड पर ऐसा विवाद हुआ, जिसका असर अब यूपी समेत देश के अलग-अलग शहरों में दिखने लगा है. 

कानपुर में I Love Muhammad साइन बोर्ड को लेकर क्या विवाद था?

I Love Muhammad को लेकर पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक विवाद हुआ. ये पूरा मामला 5 सितंबर के दिन सामने आया था. कानपुर के रावतपुर में बारावफात जुलूस निकाला जा रहा था. जिस रास्ते पर जुलूस निकाला जा रहा था, उसी रास्ते पर एक जगह I Love Muhammad का साइन बोर्ड लगा दिया गया. इसको लेकर हिंदू पक्ष ने विरोध किया और आरोप लगाया कि यहां नई परंपरा शुरू की जा रही है. कानपुर में ये बवाल बढ़ता उससे पहले पुलिस सक्रिय हो गई.

पुलिस ने करवाया था समझौता

जैसे ही I Love Muhammad साइन बोर्ड को लेकर विवाद शुरू हुआ, पुलिस मौके पर पहुंच गई और दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया गया. कानपुर पुलिस के डीसीपी दिनेश त्रिपाठी के मुताबिक, सरकार का नियम है कि जुलूस में किसी तरह की नई परंपरा नहीं डाली जाएगी. मगर बारावफात के जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने नई परंपरा डालते हुए परंपरा वाली जगह से टेंट हटाकर नई जगह लगाया और I Love Muhammad का पोस्टर भी लगाया.  डीसीपी दिनेश त्रिपाठी के मुताबिक, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर विवाद का खात्मा किया और पुरानी परंपरा वाली जगह पर ही टेंट और साइन बोर्ड लगवा दिया. इस दौरान डीसीपी ने साफ किया कि I Love Muhammad को लेकर कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया है.

मुस्लिम और हिंदू पक्ष ने लगाए एक दूसरे पर पोस्टर फाड़ने के आरोप

इस बीच कानपुर में मुस्लिम पक्ष ने आरोप लगाया कि उसके साइन बोर्ड को फाड़ दिया गया था. हिंदू पक्ष ने आरोप लगाया कि मुस्लिम पक्ष के जुलूस में शामिल लोगों ने उनके धार्मिक पोस्टर फाड़े. वैसे पुलिस के बीच-बचाव के बाद ऐसा लगा कि मामला शांत हो गया, पर तभी एक नई घटना सामने आ गई. 

कानपुर पुलिस की FIR के बाद शुरू हुआ बवाल

इस मामले में ट्विस्ट तब आया जब कानपुर पुलिस ने 9 सितंबर को दो दर्जन से अधिक लोगों पर केस दर्ज कर दिया. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ये केस बारावफात के जुलूस के दौरान I Love Mohammad नाम के बोर्ड बनाकर नई परंपरा शुरू करने औऱ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए दर्ज किया गया. रिपोर्ट में बताया गया है कि कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र के इस मामले में 9 नामजद और 15 अज्ञात लोगों पर केस किया गया. 

ओवैसी के एक्स पोस्ट के बाद ट्रिगर हुआ मामला

15 सितंबर को AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक एक्स पोस्ट को कोट करते हुए पोस्ट लिखी. इसमें उन्होंने कानपुर पुलिस को टैग करते हुए लिखा कि I Love Mohammad कहना जुर्म नहीं है. अगर है तो इसकी हर सज़ा मंज़ूर है. ओवैसी ने जिस एक्स पोस्ट को कोट किया, उसमें भी दावा किया गया था कि मुस्लिम पक्ष की ओर से कथित तौर पर नई परंपरा शुरू करने को लेकर पुलिस ने केस किया है. 

कानपुर पुलिस ने अलग कहानी बताई

वहीं कानपुर पुलिस ने दावा किया है कि आई लव मोहम्मद के लिखने या बैनर लगाने पर कोई FIR नहीं की गई, बल्कि परंपरागत स्थान से अलग हटकर नए स्थान पर बैनर लगाने और जुलूस निकालने के दौरान इस पक्ष के द्वारा दूसरे पक्ष का बैनर फाड़ने पर हुई है. कानपुर पुलिस ने अनुरोध किया इस संबंध में कोई भ्रांति न फैलाई जाए. कानपुर पुलिस के इस एक्स पोस्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है. 

कानपुर पुलिस की सफाई जबतक आती, तबतक देशभर में I Love Muhammad हैशटैग ट्रेंड करने लगा. देशभर में जगह-जगह मुस्लिम समाज इसके समर्थन में जुलूस निकाल रहा है. ऐसा ही जुलूस यूपी के उन्नाव में भी निकाला गया, जिस दौरान टकराव देखने को मिला है.

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