गोरखपुर के थाना क्षेत्र खोराबार के रहने वाले शहीद जवान का पार्थिव शरीर घर पहुंचा, तो भारी संख्या में लोगों का हुजूम जुट गया. जम्मू कश्मीर के पूंछ इलाके में राकेट लॉन्चर का गोला फटने से गोरखपुर के रहने वाले जवान ऋषिकेश की बुधवार को मौत हो गई थी. गुरुवार को जवान का पार्थिव शरीर तकरीबन 4 बजे गोरखपुर स्थित उनके आवास पर पहुंचा. तिरंगे में लिपटे देख अपने लाल को घर वालो का बुरा हाल हो गया और वहां उपस्थित लोगों की भी आंखें नम हो गईं. सभी लोग जोर-जोर से नारे लगा रहे थे कि ऋषिकेश अमर रहें.
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गोरखपुर के घर पर गोरखा रेजिमेंट की गाड़ी जवान का पार्थिव शरीर लेकर पहुंची गाड़ी को जैसे ही जवान की पत्नी ज्योति ने देखा तो वो बेसुध हो गईं. जवान के चाचा देखते ही अचेत हो गए और उनकी मां अपने लाल को देख बेहोश हो गईं. उनकी दादी अपने पोते को देखकर रोने के सिवा और कुछ कह नहीं पा रही थीं. जवान के पार्थिव शरीर को देखकर सभी परिजनों का बुरा हाल हो गया.
शहीद ऋषिकेश का परिवार मूल रूप से देवरिया के सोहनपुर क्षेत्र के बनकटा का रहने वाला है. 20 साल से परिवार गोरखपुर में ही रहता है. हालांकि गांव भी आना-जाना लगा रहता है. घर के लोग पार्थिव शरीर को गांव ले जाना चाहते थे, लेकिन शाम होने के कारण सभी अधिकारियों ने कहा कि रात हो जाएगी जिसके कारण दाह संस्कार नहीं हो पाएगा इसलिए राजघाट ले चला जाए.
उसके बाद सभी सेना के अधिकारी और परिजन राजघाट गए जहां सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. सैन्य अधिकारियों ने तिरंगे को लपेट कर शहीद के पिता राजेश को दिया. शहीद जवान के पिता भी पहले सेना में ही थे जो 2019 में रिटायर होकर घर आ गए थे. उनके रिटायर होने के एक साल पहले ऋषिकेश 2018 में सेना में भर्ती हुए थे.
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