Agra News: उत्तर प्रदेश का ताजमहल एक बार फिर विदेशी मेहमानों के आकर्षण का केंद्र बना. न्यूज़ीलैंड की नेशनल क्रिकेट टीम के खिलाड़ी गुपचुप तरीके से ताजमहल पहुंचे और उसकी खूबसूरती का लुत्फ उठाया. इस दौरान किसी को उनके आने की भनक तक नहीं लगी. टीम के इस ‘गुपचुप’ दौरे की जानकारी तब सामने आई, जब उनकी तस्वीरें और खरीदारी की खबरें स्थानीय स्तर पर फैलने लगीं.
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आम पर्यटकों की तरह घूमे कीवी क्रिकेटर्स
न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम के करीब दो दर्जन खिलाड़ी इस निजी दौरे में शामिल थे. इनमें कप्तान टॉम लैथम, स्टार खिलाड़ी केन विलियमसन, मार्क चैपमैन, डेवोन कॉन्वे, लॉकी फर्ग्यूसन और मैट हैनरी जैसे नाम प्रमुख हैं. खिलाड़ी आम पर्यटकों की तरह ताजमहल के भीतर घूमते नजर आए. न तो उनके साथ कोई वीआईपी सुरक्षा थी, न ही कोई गाइड या सरकारी स्टाफ. उन्होंने ताजमहल की नक्काशी को नजदीक से देखा और बताया कि "यह केवल एक इमारत नहीं, बल्कि जादू है."
होटल में रुककर की स्थानीय शॉपिंग
ताजमहल देखने के बाद कीवी खिलाड़ी स्थानीय होटल में रुके और अगली सुबह आगरा के एक मशहूर एम्पोरियम में पहुंचकर शॉपिंग की. यहां उन्होंने मिनी ताजमहल और अन्य स्मृति चिन्ह खरीदे. खास बात यह रही कि उन्होंने उन कारीगरों से भी बातचीत की जो ताजमहल की नक्काशी के लघु मॉडल तैयार करते हैं. यह अनुभव उनके लिए खासा रोचक रहा.
प्रशासन भी रह गया हैरान
टीम के आगरा पहुंचने की खबर जैसे ही फैली, स्थानीय पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया. सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों को इस बात पर आश्चर्य हुआ कि टीम का कोई प्रोटोकॉल नहीं आया, जबकि वे भारत सरकार के अतिथि माने जा सकते थे. हालांकि, जैसे ही खिलाड़ियों के शिल्पग्राम में उतरने की सूचना मिली, पुलिस-प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए सुरक्षा मुहैया कराई.
डीसीपी सिटी ने कही ये बात
इस संबंध में डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि “न्यूज़ीलैंड टीम के आने का कोई आधिकारिक प्रोटोकॉल नहीं मिला था, लेकिन जैसे ही टीम शिल्पग्राम पहुंची, हमें सूचना मिल गई. सभी खिलाड़ियों और उनके साथ आए मेहमानों को पूरी सुरक्षा में ताजमहल का भ्रमण कराया गया. वे सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्ट नजर आए.”
आने वाली सीरीज से अलग था यह निजी दौरा
सूत्रों के अनुसार, भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच आने वाले महीनों में वनडे सीरीज प्रस्तावित है, लेकिन यह दौरा उस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था. यह पूरी तरह से निजी और अनौपचारिक यात्रा मानी जा रही है.
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