Up Politics: लोकसभा चुनाव 2019 और यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कौराना में हिंदुओं के पलायन का मुद्दा खूब छाया रहा. इसका असर पश्चिम उत्तर प्रदेश में देखने को भी मिला. अब लोकसभा चुनाव 2024 में भी कैराना लोकसभा सीट चर्चाओं के केंद्र में हैं और लोगों की इस सीट पर खासा नजर बनी हुई है.
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बता दें कि विपक्षी गठबंधन की तरफ से कैराना लोकसभा सीट से सपा ने इकरा हसन को चुनावी मैदान में उतारा है. तभी एक बार फिर इकरा हसन का नाम चर्चाओं में आ गया है. इसी बीच UP Tak ने इकरा हसन से बात की है. इस दौरान इकरा हसन ने कहा है कि हमारे इस इलाके (कैराना) को बदनाम करने की कोशिश की गई है.
ये बोलीं इकरा हसन
इसका हसन ने कहा कि हमारे इलाके यानी कैराना को बदनाम करने की कोशिश की गई है. दिखाया जाता है कि यहां ध्रुवीकरण है, लोगों में आपसी भाई-चारा नहीं है. ये सब खूब दिखाने और बताने की कोशिश की गई है. इकरा हसन ने कहा कि ऐसी कोशिश की गई है की ये सारी बातें धरातर पर भी दिखे. मगर हमारी जनता ने हमेशा इस चीज को नकारा है.
भाजपा ऐसे मुद्दे उठा रही है- इकरा हसन
कैराना से सपा की लोकसभा उम्मीदवार इकरा हसन ने कहा कि भाजपा लगातार ऐसे मुद्दे उठा रही है. मगर यहां की जनता हमेशा इसे नकार देती है. इस वजह से हमारी कैराना सीट हमेशा चर्चाओं में रहती है और लोगों की नजर इस पर बनी रहती है. इकरा हसन ने आगे कहा कि हम कोशिश करते हैं कि हमारे क्षेत्र की जो नेगेटिव इमेज बनी है, उसे खत्म किया जाए.
लंदन के पढ़ाई कर कैराना की सियासत में आई इकरा हसन
आपको बता दें कि इकरा हसन का संबंध कैराना के बड़े राजनीति परिवार से रहा है. इकरा के ददा अख्तर हसन कांग्रेस के टिकट पर 1984 में यहां से सांसद बने. इकरा के पिता भी लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं. इकरा हसन ने लंदन से पढ़ाई की है. बता दें कि साल 2022 विधानसभा चुनाव में इकरा हसन ने जेल में बंद अपने भाई के समर्थन में खूब चुनाव प्रचार किया था, तभी से वह चर्चाओं में आ गईं थी.
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