Loksabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को मतदान शुरू होने के साथ ही विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी महाकुंभ का शंखनाद हो गया है. लोकसभा चुनाव के पहले चरण में के तहत यूपी में सहारनपुर, बिजनौर, कैराना, मुजफ्फरनगर, नगीना (आरक्षित), मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में वोटिंग हो चुकी है. ऐसे में यूपी में अभी कुछ ऐसी हाई प्रोफाइल सीटें हैं, जहां प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. आपको बता दें कि 26 अप्रैल ऐसी तारीख है, जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण है. खबर में आगे जानिए दोनों पार्टियों के लिए क्या हैं इस तारीख के मायने?
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इन सीटों पर भाजपा, सपा और कांग्रेस के लिए है कन्फ्यूजन की स्थिति
बता दें कि कुछ सीटों के लिए भाजपा, सपा और कांग्रेस समेत सभी दलों के लिए कन्फ्यूजन की स्थित है. भाजपा ने रायबरेली और कैसरगंज सीट पर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वहीं समाजवादी पार्टी ने कैसरगंज के साथ फतेहपुर, रॉबर्ट्सगंज सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी की एलायंस पार्टनर कांग्रेस ने भी अभी रायबरेली और अमेठी सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारे हैं.
26 अप्रैल की तारीख क्यों है महत्वपूर्ण?
बता दें कि कैसरगंज के निवर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का मामला चल रहा है. माना जा रहा है कि 26 अप्रैल को अदालत इस मामले में फैसला सुना देगी. ऐसी चर्चा है कि कोर्ट के निर्णय के बाद भाजपा इस सीट पर उम्मीदवार का ऐलान कर सकती है.
26 अप्रैल के बाद कांग्रेस क्या कर सकती है?
दूसरी तरफ रायबरेली और अमेठी उत्तर प्रदेश की हॉट सीट बनी हुई हैं. भाजपा ने अमेठी में स्मृति ईरानी को टिकट दिया है. जबकि रायबरेली अभी उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने दोनों सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारे हैं. रायबरेली और अमेठी का चुनाव पांचवें चरण में हैं. इससे पहले वायनाड सीट पर मतदान 26 अप्रैल को हो जाएगा. ऐसे में माना जा रहा है कि इस चुनाव के बाद राहुल को अमेठी से प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है. अमेठी के साथ रायबरेली के प्रत्याशी भी घोषित होने की उम्मीद है.
गौरतलब है कि देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू हो गए हैं. इसके बाद छह और चरणों में 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होगा. लोकसभा के 543 निर्वाचन क्षेत्रों में लगभग 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता, 10.5 लाख मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
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