UP Monsoon Update: उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में मॉनसून के आगमन में हो रही देरी ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है. पिछले 3-4 दिनों से बादल छाए रहने के बावजूद, इन इलाकों में सिर्फ हल्की फुल्की बारिश ही हुई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अब इस देरी के पीछे की वजह स्पष्ट की है और बताया है कि दिल्ली-NCR समेत पश्चिमी यूपी में क्यों मॉनसून धीमा पड़ा है. हालांकि, विभाग ने राहत भरी खबर देते हुए कहा है कि अगले 3-4 दिनों में स्थिति में बदलाव आएगा और मॉनसून अपनी गति पकड़ेगा.
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पश्चिम यूपी में मॉनसून की देरी के 10 मुख्य कारण और आगामी अनुमान:
बादलों का डेरा, बारिश का इंतजार: पिछले 3-4 दिनों से दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश में लगातार बादल छाए हुए हैं, लेकिन उम्मीद के मुताबिक बारिश नहीं हो रही, बस कहीं-कहीं बहुत हल्की वर्षा दर्ज की गई है.
दक्षिण-पूर्वी हवाओं का खेल: दिल्ली में इन दिनों लगातार दक्षिण-पूर्वी हवाएं चल रही हैं, जो नमी तो ला रही हैं पर मॉनसून को आगे बढ़ने नहीं दे रहीं.
सतही ट्रफ लाइन की भूमिका: दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश में जमीन से लगभग 2 किलोमीटर ऊपर तक एक पूर्व-पश्चिम मौसमी ट्रफ/अभिसरण रेखा मौजूद है, जो मॉनसून की रफ्तार को बाधित कर रही है.
नमी का लगातार प्रवेश, पर बारिश नहीं: ट्रफ लाइन के कारण लगातार नमी तो आ रही है, जिससे हल्के से मध्यम बादल छाए हुए हैं, लेकिन छिटपुट और बहुत हल्की बारिश ही हो रही है.
एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन का दबाव: मध्यम और ऊपरी वायुमंडल में एक एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन/रिज का दबदबा है, जिसने मॉनसून के आगे बढ़ने की प्रक्रिया को रोक रखा है.
IMD ने दी देरी की सफाई: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने स्पष्ट किया है कि इन्हीं मौसमी स्थितियों के कारण दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश में मॉनसून देर से आ रहा है.
गलत पूर्वानुमान नहीं, मौसमी परिस्थितियां: IMD ने यह भी बताया कि यह पूर्वानुमान की गलती नहीं, बल्कि अप्रत्याशित मौसमी परिस्थितियों का परिणाम है जिसने मॉनसून को धीमा किया.
अगले 3-4 दिनों में बदलेगी स्थिति: राहत की बात यह है कि IMD ने भविष्यवाणी की है कि अगले 3-4 दिनों में मौजूदा मौसम पैटर्न में बदलाव आने वाला है.
ट्रफ लाइन का उत्तर की ओर बढ़ना: इस दौरान मौसमी पूर्व-पश्चिम उन्मुख ट्रफ उत्तर की ओर बढ़ेगा, जिससे मॉनसून को आगे बढ़ने का रास्ता मिलेगा.
एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन का कमजोर होना: क्षेत्र में मध्यम और ऊपरी स्तर के एंटीसाइक्लोनिक सर्कुलेशन/रिज भी कमजोर पड़ेंगे, जिससे मॉनसून के आगे बढ़ने की राह आसान होगी और अच्छी बारिश की उम्मीद जगेगी.
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