मुख्तार अंसारी से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज ने खुद को सुनवाई से किया अलग

अभिषेक मिश्रा

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बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है. जस्टिस राजीव गुप्ता ने खुद को सुनवाई से अलग कर मामला चीफ जस्टिस को रेफर कर दिया है.

राजीव गुप्ता ने चीफ जस्टिस से मामले की सुनवाई के लिए कोई नई बेंच गठित किए जाने की सिफारिश की है. गौरतलब है कि यह मामला मुख्तार अंसारी की सिफारिश पर चार लोगों को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने से जुड़ा है.

क्या है पूरा मामला?

करीब 20 साल पहले विधायक रहते हुए मुख्तार अंसारी ने अपने लेटर पैड पर पत्र लिखकर सिफारिश की थी. मुख्तार ने पत्र लिखकर इसराइल, अनवर, सलीम, शाह और आलम को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने की सिफारिश की थी. कई साल बाद हुई जांच में सभी के पते फर्जी पाए गए थे.

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इस मामले में लाइसेंस पाने वाले चारों लोगों के साथ ही मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था. 5 जनवरी 2020 को सभी आरोपियों के खिलाफ मऊ के दक्षिण टोला थाने में केस दर्ज हुआ था.

बता दें कि इससे पहले अप्रैल महीने में जस्टिस राजीव गुप्ता ने ही मुख्तारी अंसारी के खिलाफ दायर दो आपराधिक मामलों पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. 18 अप्रैल को विधायक निधि के कथित दुरुपयोग से जुड़े मामले पर सुनवाई से राजीव गुप्ता ने खुद को अलग किया था, जबकि 20 अप्रैल को उन्होंने गैंगस्टर कानून से जुड़े मामले पर सुनवाई से खुद को अलग किया था.

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