केशव प्रसाद मौर्य के सियासी मुलाकातों पर अटकलें हुईं तेज, संजय निषाद ने बताया क्या हुई बात
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर से केशव प्रसाद मौर्य की मुलाकात के चर्चा अभी कम ही नहीं हुआ था कि अब डिप्टी सीएम से मिलने निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद पहुंचे गए.
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Uttar Pradesh Politics : उत्तर प्रदेश की रजनीति में इस समय एक अजीब सी हलचल देखने को मिल रही है. लोकसभा चुनाव के बाद पहले यूपी बीजेपी में उठापटक देखने को मिला तो वहीं दूसरी तरफ सूबे में सरकार के सहयोगी ही उसपर निशाना साधते नजर आए. चुनावी नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा के वो नेता जो सबसे सक्रिय नजर आ रहे हैं उनमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का नाम सबसे आगे है. 'सरकार से बड़ा संगठन' के नारे को बुलंद कर रहे डिप्टी सीएम के मुलाकातों का राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चाएं हैं. सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर से केशव प्रसाद मौर्य की मुलाकात का चर्चा अभी कम ही नहीं हुआ था कि अब डिप्टी सीएम से मिलने निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद पहुंचे गए.
मुलाकात पर क्या हुई बात
यूपी तक से बात करते हुए यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात के बारे में बताया कि, "मेरी कल केशव प्रसाद से बातचीत हुई है. निषाद के लिए किस तरह से ट्रेनिंग हो इस मुद्दे पर बात हुई है. हम लोग वैसे भी मिलकर निषाद ओबीसी के हित की बात करते हैं. हम आरक्षण की बात करते हैं. हम चाहते हैं कि आरक्षण होना चाहिए. हमारे में कई ऐसे लोग हैं जो बहुत फायदा पा रहे हैं. ऐसे में हम तो आरक्षण चाहते हैं."
संजय निषाद ने आगे कहा कि, 'अधिकारी नहीं सुनते और ये कि जब अधिकारी ऐसा करते हैं तो चुनाव पर असर पड़ता है. निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद का कहना है कि इस शिकायत के साथ कई विधायकों को अधिकारियों के खिलाफ चिट्ठी लिखनी पड़ी है. इस तरह के अधिकारियों के रहने से चुनाव प्रभावित होता है. वह पहले भी आरोप लगा चुके हैं कि अधिकारी ऐसा काम करते हैं कि वोटर नाराज हो जाएं.'
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काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं डिप्टी सीएम
बता दें कि संजय निषाद से पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से कई नेता मिलने पहुंचे हैं, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह के चर्चा के बाजार गर्म हैं. इससे पहले सोमवार यानी 22 जुलाई को सीएम योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में बैठक बुलाई थी. इसमें सुभासपा अध्यक्ष और पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर शामिल नहीं हुए थे. हांलाकि ओपी राजभर ने सीएम के बैठक में शामिल ना होने वजह उनके विभाग की पूर्व विभाग बैठक को बताया था. उन्होंने ये भी कहा था कि सीएम योगी को उन्होंने पहले ही इस बात से अवगत करा दिया था.
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