तीन शादी करने वाले बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की कहानी, तस्वीरों की जुबानी

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पूर्वांचल के बाहुबलियों में शामिल धनंजय सिंह की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. छात्र राजनीति से अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले धनंजय विधानसभा से संसद तक का सफर तय कर चुके हैं. आइए जानते हैं उनकी कहानी.

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छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आने के दौरान धनंजय के खिलाफ हत्या, रंगदारी, अपहरण जैसे मामलों में मुकदमे दर्ज होते रहे. साल 1988 धनंजय 50 हजार इनामी बन चुके थे.

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जौनपुर से इंटर की पढ़ाई करने के बाद धनंजय लखनऊ यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन करने गए. इस दौरान हत्या, सरकारी ठेकों से वसूली, रंगदारी जैसे मुकदमों में नाम आने के कारण धनंजय चर्चाओं में आ गए थे.

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धनंजय ने 2002 में अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखा. जौनपुर के रारी सीट से वह विधायक चुने गए. विधायक बनने के बाद उनका राजनीति में कद धीरे-धीरे बढ़ने लगा.

2009 के लोकसभा चुनाव में धनंजय बसपा के टिकट से जौनपुर से सांसद बने. 2011 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने धनंजय सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से निकाल दिया था.

2012 से धनंजय सिंह का राजनीतिक कैरियर का ग्राफ गिर रहा है. 2012 के चुनाव में जेल होने के कारण मल्हनी सीट से धनंजय ने अपनी पूर्व पत्नी डॉक्टर जागृति सिंह को खड़ा किया, लेकिन वो हार गईं.

2014 के लोकसभा, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2020 के उपचुनाव में धनंजय को हार का सामना करना पड़ा था. हाल ही में पंचायत चुनाव में अपनी पत्नी श्रीकला रेड्डी को जौनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीताकर उन्होंने अपनी राजनीतिक धमक का अहसास कराया.

दिल्ली में धनंजय सिंह की पूर्व पत्नी डॉ. जागृति सिंह पर नौकरानी की हत्या का आरोप लगा तो नवंबर 2013 में धनंजय और उनकी पत्नी जागृति सिंह को जेल जाना पड़ा था.

धनजंय की पहली पत्नी की मौत शादी के 9 महीने बाद हो गई थी. फिर धनंजय ने डॉ. जागृति सिंह से दूसरी शादी की थी. बाद में वे अलग हो गए. 2017 में धनंजय ने तीसरी शादी श्रीकला रेड्डी से की थी.

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