चांदनी ने बीच शादी तोड़ दी वरमाला और दूल्हे रोहित समेत बारात को लौटाया! वाराणसी की इस लड़की को आप भी करेंगे सलाम
वाराणसी में दहेज की लगातार मांग से नाराज़ दुल्हन ने मंच पर ही वरमाला फेंककर शादी से इंकार कर दिया. दूल्हा पक्ष द्वारा बार-बार पैसों की मांग और माता-पिता का अपमान करने पर दुल्हन ने शादी तोड़ी.
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दहेज प्रथा के खिलाफ एक दुल्हन ने ऐसा साहसिक कदम उठाया कि अब पूरा मामला चर्चा में है. यहां के शिवपुर क्षेत्र के मीरापुर बसही स्थित मंगल मंडपम लॉन में बारात पहुंचने के बाद दूल्हे पक्ष ने बार-बार अतिरिक्त दहेज की मांग शुरू कर दी. लगातार दबाव बनाने और लड़की के माता-पिता का अपमान करने पर दुल्हन चांदनी जायसवाल ने मंच पर ही अपने गले की वरमाला तोड़कर फेंक दी और साफ शब्दों में शादी से इनकार कर दिया. दुल्हन के इस फैसले के बाद बारात उल्टे पांव लौट गई. यह मामला अब शिवपुर थाने तक पहुंच चुका है और पुलिस जांच कर रही है.
दहेज मांग ने बिगाड़ा माहौल
शिवपुर निवासी राजेंद्र प्रसाद की बेटी चांदनी जायसवाल की शादी भदोही के सुरियावां निवासी रोहित जायसवाल से तय हुई थी. रोहित मुंबई में एक पिज्जा कंपनी में मैनेजर है. 23 मई को छेका कार्यक्रम में दूल्हे पक्ष ने 1 लाख रुपये दहेज की मांग की थी, जिसमें लड़की के पिता ने 75,000 रुपये दे दिए और बाकी बाद में देने का वादा किया था.
बारात आने के बाद जैसे ही वर स्टेज पर चढ़ा, दूल्हे पक्ष ने कहा कि बाकी दहेज की राशि मिलने पर ही जयमाल होगा और लड़के को स्टेज से नीचे उतार दिया गया. लड़की के पिता ने कुछ रुपये और देकर किसी तरह रस्म आगे बढ़ाई लेकिन यह मामला यहीं नहीं रुका.
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खाने की टेबल पर फिर हुई डिमांड
जब दूल्हा-दुल्हन खाना खाने के लिए बैठे तो दूल्हे के परिवार ने फिर से दहेज की मांग शुरू कर दी. सिर्फ यही नहीं लड़के वालों ने लड़की के माता-पिता की औकात पर टिप्पणी करते हुए अपमान करना शुरू कर दिया. बार-बार की मांग और अपमान को देखते हुए चांदनी का धैर्य टूट गया. उसने मंच पर ही अपनी वरमाला उतारकर फेंक दी और कहा कि “जो मेरे माता-पिता की इज्जत नहीं कर सकता, उससे शादी नहीं करूंगी. ऐसे दहेज लोभी लोगों से मेरी जिंदगी बर्बाद हो सकती थी, इसलिए मैंने शादी तोड़ दी.” इसके बाद दूल्हा पक्ष बारात लेकर वापस लौट गया.
दुल्हन ने कही ये बात
चांदनी ने बताया कि लड़के वालों की नजर सिर्फ पैसे पर थी. चांदनी का कहना है कि “वह मुझसे शादी नहीं, पैसे से शादी कर रहे थे. मेरी मां हाथ जोड़कर खड़ी रहीं, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे. ऐसे लोगों के साथ रहना मुश्किल होता इसलिए मैंने साफ इंकार कर दिया.”
दुल्हन के पिता राजेंद्र प्रसाद सब्जी बेचकर परिवार चलाते हैं. उन्होंने कहा कि “1 लाख की मांग में से 75,000 दे चुका था. बाकी 25,000 भी किसी तरह दे दिया. मैंने कर्जा लेकर कार्यक्रम किया लेकिन ऐसे लालची लोगों के साथ बेटी को भेजना उसे मुसीबत में डालना होता.”
जांच में जुटी पुलिस
शादी टूटने के बाद दुल्हन पक्ष ने दहेज मांग और कार्यक्रम में हुए खर्च के मामले में शिवपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. इसके बाद पुलिस ने बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.











