कौशांबी: जिस युवक को कब्र में दफनाया गया, वह जिंदा लौट आया, जानें हैरान कर देने वाला मामला
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक बेहद ही चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मुस्लिम परिवार ने जिस युवक को अपना…
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उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक बेहद ही चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मुस्लिम परिवार ने जिस युवक को अपना बेटा समझ कर कब्र में दफनाया था, वह अब जिंदा लौट आया है.
हादसे में मारे गए एक युवक को अपना बेटा रमजान समझ कर एक मुस्लिम परिवार ने पिछले दिनों उसे कब्र में दफनाया था. इसके कुछ दिन बाद एक हिंदू परिवार ने मृतक को अपना बेटा सूरज बताया था. पुलिस इस मामले में जुटी थी. इस बीच मृतक के रमजान या सूरज होने की कहानी में एक नया ट्विस्ट आ गया है.
दरअसल, रमजान नामक युवक ने सैनी कोतवाली पुलिस के सामने आकर खुद के जीवित होने का सबूत पेश किया है. रमजान के मुताबिक, रोजगार नहीं होने पर उसके मां-बाप ताना मारा करते थे. रोज-रोज के तानों से तंग आकर वह 4 महीने पहले ही प्रयागराज भाग गया था और वहां पर मजदूरी करता था. मोबाइल नहीं होने के कारण गांव से सम्पर्क टूट गया था. इस बीच शुक्रवार को गांव के ही एक व्यक्ति ने रमजान को शहर में देखा तो वह चौंक गया. उसने बताया कि तुम्हरा तो गांव में अंतिम संस्कार हो गया है और कल 40वां है. इस बात की जनाकारी होने पर रमजान गांव पहुंचा, जहां उसे जिंदा देख लोग हैरान हो गए.
बता दें कि 11 जून को सैनी कोतवाली क्षेत्र के मारधार रेलवे स्टेशन के पास एक युवक ने ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली थी.सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था. उसके बाद पुलिस ने इलाके में जितने लोग गायब थे, उनके परिजनों को बुलाकर शव की शिनाख्त करवाई.
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इस दौरान बिजलीपुर गांव की रहने वाली शफीकुन्निशा ने शव की पहचान अपने बेटे रमजान के रूप में की. शव की शिनाख्त होने के बाद पोस्टमॉर्टम हुआ और शव को शफीकुन्निशा के हवाले कर दिया गया. इस शव को गांव के ही कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया. मगर अचानक रमजान के घर वापस लौट आने से उसके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है.
शफीकुन्निशा का कहना है कि 4 महीने पहले से हमारे बेटे से बात नहीं हुई थी. हम लोग रो-रोकर पागल हुए जा रहे थे. जब पुलिस ने लाश को दिखाया तो हमने समझा कि हमारा बेटा है. शक्ल सूरत में मिलता जुलता था तो समझा हमारा बच्चा है.
जिस शव को रमजान समझ कर दफनाया गया था.एक माह बाद फतेपुर जनपद के रहने वाले सन्तराज ने सैनी कोतवाली पहुंच कर उसे अपने बेटे सूरज का शव होने का दावा किया था. पुलिस और जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने शव को कब्र से निकाल कर डीएनए जांच कराने का आदेश दिया.
डीएम सुजीत कुमार के आदेश के बाद 3 जुलाई को दोनों परिवारों को बुलाया गया और कब्र से शव निकाल कर सैंपल लिया गया. उसके बाद डीएनए के लिए सैंपल लैब भेज दिया गया. लेकिन डीएनए रिपोर्ट आने से पहले ही रमजान सकुशल घर वापस आ गए.
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हालांकि, डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा की शव सूरज का है या फिर किसी और का. फिलहाल सन्तराज को डीएनए सैंपल का बेसब्री से इंतजार है.
मामले को लेकर सीओ डॉ.केजी सिंह ने बताया, “रमजान नाम का युवक सैनी पुलिस के सामने पेश हुआ है, जिससे पूछताछ की गई है. प्रकरण मे जांच जारी है. रमजान के जीवित होने की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई है.”
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