देखिए जब गुर्गों संग जमीन कब्जा करने पहुंचा था अतीक, VHP का बोर्ड लगा बचाई संपत्ति

संतोष शर्मा

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आज से कुछ साल पहले तक माफिया डॉन अतीक अहमद की प्रयागराज में तूती बोलती थी. पूर्वी उत्तर प्रदेश में उसका सिक्का जमकर चलता था. उस समय अतीक ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसका बनाया ये काला साम्राज्य जल्द ही खत्म हो जाएगा और अपने काले साम्राज्य के खात्मे के साथ वह खुद भी खत्म हो जाएगा. अब जब अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या हो चुकी है तो अतीक अहमद से पीड़ित लोग अपना दर्द बयां कर रहे हैं. पीड़ित परिवारों के दर्द के साथ ही अतीक अहमद के काले कारनामों की कहानियां सामने आई हैं.

पुत्र-पिता के बीच संपत्ति को लेकर हुआ विवाद मगर पहुंच गया अतीक

अतीक अहमद से राजीव टंडन पीड़ित रहे हैं. राजीव टंडन की प्रयागराज के लूकरगंज के झूलेलाल नगर में पुश्तैनी जमीन है. राजीव टंडन के मुताबिक, उनका अपने पिता से संपत्ति बंटवारे को लेकर कुछ विवाद हो गया था. पिता-पुत्र के बीच बेशकीमती संपत्ति को लेकर हो रहे विवाद की खबर अतीक के गुर्गों ने अतीक अहमद को दे दी. फिर क्या था, साल 2014 में अतीक अहमद ने इस  जमीन पर अपना दावा ठोक दिया. अतीक अहमद के गुर्गों ने पहले संदेशा दिया कि प्रॉपर्टी भाई ने खरीद ली है.

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अपने गुर्गों के साथ अतीक खुद पहुंच गया

मगर राजीव टंडन ने प्रॉपर्टी खाली नहीं की. फिर वो हुआ जिसकी उन्हें भी उम्मीद नहीं थी. दरअसल 30 अक्टूबर 2014 को अतीक अहमद अपने गुर्गों के लाव-लश्कर के साथ मकान पर कब्जा करने खुद आ गया. उसके साथ उसके हथियारबंद गुर्गे भी आए.

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जब अतीक संपत्ति कब्जा करने पहुंचा तो घर पर राजीव टंडन नहीं थे. घर में उनकी पत्नी थी. अतीक को देखकर उनकी पत्नी ने घर का गेट नहीं खोला. ये देख अतीक अहमद ने धमकी देना शुरू कर दिया और धमका कर वापस चला गया.

पुलिस ने एफआईआर लिखने के बजाए थाने से भगा दिया

अतीक की ताकत और अतीक के आतंक का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि पुलिस ने मामले में शिकायत भी दर्ज नहीं की. राजीव टंडन के मुताबिक, उन्होंने अतीक के खिलाफ थाने में तहरीर दी. सूबे में सपा की सरकार थी. मगर तहरीर में अतीक का नाम देखकर पुलिकर्मियों ने उन्हें थाने से भगा दिया और केस दर्ज नहीं किया.

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संपत्ति को बचाने के लिए अपनाया ये रास्ता

अतीक की नजर संपत्ति पर थी. मगर राजीव टंडन अपनी इस पुश्तैनी संपत्ति को हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे. अपनी पुश्तैनी संपत्ति को बचाने के लिए राजीव टंडन ने नया रास्ता निकाला. राजीव टंडन के मुताबिक, उन्होंने संपत्ति में चल रहे स्कूल के साथ-साथ वहां विश्व हिंदू परिषद का बोर्ड लगा दिया. वह यहां विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम करवाने लगे.

2017 में दर्ज हुई एफआईआर

राजीव टंडन के मुताबिक, साल 2017 में सरकार बदली तो उनकी एफआईआर खुल्दाबाद थाने में दर्ज हुई. राजीव टंडन का कहना है उनका विवाद अपने पिता और भाई से था. इसलिए उन्होंने एफआईआर में अपने पितामहेश्वर दयाल, भाई आशीष टंडन के साथ-साथ प्रॉपर्टी पर अतीक अहमद की तरफ से सौदा कर रहे अजय कुमार हेला और अतीक अहमद के अकाउंटेंट सीताराम शुक्ला के बेटे पप्पू शुक्ला पर एफआईआर दर्ज करवा दी. यह अतीक अहमद का खौफ ही था कि दर्ज कराई गई एफआईआर में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी. अब वह इस मामले में अदालत में लड़ाई लड़ रहे हैं.

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