मुरादाबाद में बजरंग दल जिलाध्यक्ष सुमित और शहाबुद्दीन थे गोकशी में शामिल! देखिए बड़ी साजिश

जगत गौतम

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Moradabad News: बजरंग दल के नेता और कार्यकर्ता खुद को गौ रक्षक होने का दावा करते हैे. गौ हत्याओं की घटनाओं को लेकर प्रदर्शन भी करते हैं. मगर मुरादाबाद से जो मामला सामने आया है, उसने पुलिस को भी चौंका दिया है. यहां गौ रक्षा का दावा करने वाले ही गो भक्षक बन गए. पुलिस ने बजरंग दल के जिलाध्यक्ष समेत 4 लोगों को गोकशी की घटनाओं को अंजाम देने के आरोप में गिरफ्तार किया है. 

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हैरानी की बात ये है कि बजरंग दल के जिलाध्यक्ष ने पहले गोकशी करवाई और फिर अपने कार्यकर्ताओं के साथ थाने का घेराव किया. थाने के बाहर खूब विरोध-प्रदर्शन किया. अब पुलिस ने इस पूरे मामले का जो खुलासा किया है, उसे सुन हर कोई सन्न रह गया है. बजरंग दल के जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गौ हत्या होने पर थाने के सामने विरोध-प्रदर्शन किया था, अब पुलिस ने उन्हें ही अरेस्ट कर लिया है.

पुलिस अधिकारी को हटाना चाहते थे आरोपी

पुलिस ने इस मामले में बजरंग दल के जिला अध्यक्ष सुमित विश्नोई उर्फ मोनू, प्रखंड अध्यक्ष राजीव चौधरी, शहाबुद्दीन और उसके साथियों को गिरफ्तार किया है. जब पुलिस ने शहाबुद्दीन से मामले की पूछताछ की तो उसने पूरी योजना का खुलासा कर दिया. 

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पूछताछ में सामने आया कि, शहाबुद्दीन के भाई की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी. छजलैट थाना प्रभारी से ये नाराज था. आरोप था कि थाना प्रभारी इनकी नहीं सुन रहे हैं. इसलिए शहाबुद्दीन ने साजिश रची और थाना प्रभारी को हटवाने की कोशिश की. इसके लिए इन्होंने गोकशी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया. 

कांवड़ के रास्ते रखवा दिए गोवंशीय पशु के अवशेष

शहाबुद्दीन ने पूछताछ में बताया है कि, उसने अपने साथी नईम को रुपये देकर उसके हाथों कांवड़ पथ पर गोवंशीय पशु के अवशेष रखवा दिए थे. इस घटना की जानकारी बजरंग दल के जिला प्रमुख सुमित विश्नोई उर्फ मोनू, प्रखंड अध्यक्ष राजीव चौधरी को पहले से ही थी. ऐसे में जैसे ही गोवंशीय पशु के अवशेष मिले, ये सभी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को लेकर छजलैट थाने के सामने प्रदर्शन करने लगे और थाना प्रभारी को हटाने की मांग करने लगे.

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कार्रवाई ना होने पर फिर की गोकशी

मिली जानकारी के मुताबिक, बजरंग दल के विरोध के बाद भी थाना प्रभारी पर कार्रवाई नहीं हुई और उन्हें नहीं हटाया गया. बीते 28 जनवरी के दिन एक बार फिर शहाबुद्दीन ने अपने साथी जमशेद के साथ मिलकर गाय की चोरी की और फिर जंगल में ले जाकर उसे काट दिया. इस दौरान बजरंग दल के नेता सुमित, राजीव और रमन गाय कटने की वीडियो बनाते रहे. इन्होंने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर भी डाल दिया और पुलिस अधिकारियों को भी भेज दिया, जिससे थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई हो जाए. मगर पुलिस को ये सारी घटनाएं योजना के तहत घटित  हुई लग रही थी. ऐसे में पुलिस ने मामले की पूरी गंभीरता के साथ जांच की. पुलिस की जांच में सब सामने आ गया और पुलिस ने शहाबुद्दीन, रमन चौधरी, मोनू विश्नोई उर्फ सुमित और राजीव चौधरी को अरेस्ट कर लिया है.

पुलिस ने क्या बताया

इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि, थाना छजलैट में एसपी देहात संदीप कुमार मीना के नेतृत्व में मामले का खुलासा हुआ है. बीते 16 और 28 जनवरी को थाना छजलैट से दो गो हत्या के मामले सामने आए थे. दोनों मामले संदिग्ध लग रहे थे. लग रहा था कि ये घटनाएं योजना के तहत की गई हैं. जिन लोगों ने इसके बारे में जानकारी दी थी, उनका कहना था कि जब वह 10 मिनट पहले वहां से गुजरे थे, तब वहां अवशेष मौजूद नहीं थे. 

एसएसपी ने आगे बताया,  दूसरी घटना 28 जनवरी के दिन की है. यहां पुलिस को जांच के दौरान घटनास्थल पर एक पर्स, लोअर मिला था. इस दौरान एक मोबाइल नंबर भी सामने आया. जब पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि ये नंबर उस शख्स का था, जिसकी शहादुद्दीन और जमशेद से दुश्मनी चल रही थी. ऐसे में इन सभी ने अपने दुश्मनों को फंसाने के लिए ये साजिश रची. 
 

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