लेटेस्ट न्यूज़

खुद को जज बता बैंक से 35 लाख का लोन लेने पहुंची थी बिजनौर की आयशा परवीन, इसकी सच्चाई खुली तो सब चौंक गए

संजीव शर्मा

बिजनौर में एक महिला आयशा परवीन ने खुद को जज बताकर एचडीएफसी बैंक से ₹35 लाख का लोन लेने की कोशिश की. दस्तावेज जांच में फर्जी पाए गए. पुलिस ने महिला और वकील अनस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

ADVERTISEMENT

UP Tak
social share
google news

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के सिविल लाइंस स्थित एचडीएफसी बैंक में उस समय हड़कंप मच गया जब एक महिला खुद को न्यायिक अधिकारी बताकर 35 लाख रूपए का लोन लेने पहुंची. बैंक अधिकारियों को महिला के दस्तावेजों पर शक हुआ और जब उन्होंने गहराई से जांच की तो पूरा मामला फर्जीवाड़े का निकला. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए महिला और उसके साथ आए वकील को हिरासत में लेकर जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.

फर्जी जज बनकर बैंक में लिया लोन का आवेदन

जानकारी के मुताबिक, पकड़ी गई महिला का नाम आयशा परवीन है जो रामपुर की रहने वाली है. उसने बैंक में लोन आवेदन करते समय खुद को रामपुर जिले में तैनात न्यायिक अधिकारी बताया था. आवेदन के साथ जमा दस्तावेज बिजनौर के वकील अनस ने बैंक में जमा कराए थे. बैंक की प्रक्रिया के अनुसार सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थीं और लोन की राशि महिला के खाते में ट्रांसफर होने ही वाली थी. लेकिन बैंक ने अंतिम सत्यापन के लिए महिला को बैंक बुलाया.

गाड़ी पर लगी ‘जज’ की नेमप्लेट का खुलासा

जब आयशा परवीन बैंक पहुंची तो उसकी बोलेनो कार पर ‘न्यायिक अधिकारी’ की नेमप्लेट और पीछे ‘जज’ का स्टीकर लगा हुआ था. इससे बैंक अधिकारियों को शक हुआ. उन्होंने दोबारा से उसके दस्तावेज चेक किए तो पाया कि देहरादून के एक्सिस बैंक से जमा की गई सैलरी स्टेटमेंट में कई गड़बड़ियां थीं.

यह भी पढ़ें...

बैंक अधिकारियों ने जब सीधे देहरादून शाखा से स्टेटमेंट मंगवाया तो सामने आया कि महिला के खाते में केवल ₹40,000 ही जमा थे, जबकि फर्जी स्टेटमेंट में ₹1.30 लाख की सैलरी और ₹5 लाख जमा दिखाए गए थे. इतना ही नहीं, उसका ज्वाइनिंग लेटर और पहचान पत्र भी फर्जी निकला.

बैंक ने पुलिस को दी सूचना

बैंक अधिकारियों ने महिला को बातचीत में उलझाए रखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची और महिला और उसके साथ आए वकील अनस को हिरासत में लेकर थाने ले गई. जांच के दौरान साइबर क्राइम टीम ने भी पुष्टि की कि महिला द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेज कूट रचित हैं.

रामपुर जज कॉलोनी में रहती थी फर्जी जज

जांच में यह भी सामने आया कि महिला रामपुर की जज कॉलोनी में बने एक मकान में रहती थी, जिससे वह खुद को असली न्यायिक अधिकारी बताकर लोगों को भ्रमित करती थी. गाड़ी चलाने वाला ड्राइवर भी रामपुर का रहने वाला है जिसने पुलिस को बताया कि वह टैक्सी चालक है और महिला जब भी बाहर जाती थी, खुद को “जज मैडम” बताकर गाड़ी मंगवाती थी.

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर भेजा जेल

सहायक पुलिस अधीक्षक गौतम राय ने बताया कि, “सिविल लाइंस स्थित एचडीएफसी बैंक में एक महिला ₹35 लाख का लोन लेने पहुंची थी. उसने खुद को न्यायिक अधिकारी बताया था. बैंक अधिकारियों को संदेह होने पर जांच की गई, जिसमें दस्तावेज फर्जी पाए गए. महिला और उसके साथी वकील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.”

पुलिस ने आयशा परवीन और वकील अनस के खिलाफ कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी लोन लेने और बैंक को गुमराह करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया है.

यह भी पढ़ें: कानपुर सेंट्रल पर ट्रेनों में भारी भीड़, छठ-दिवाली के लिए टॉयलेट में भी बैठ घर जा रहे लोग! बृजेश तिवारी ने बताया दर्द

    follow whatsapp