मेरठ के कान्हा गौशाला में गायों का तरस खाने वाली हाल में वीडियो आया था सामने, अब अरेस्ट हुए पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी

उस्मान चौधरी

मेरठ के कान्हा उपवन गौशाला में गायों की दुर्दशा का वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह गिरफ्तार. 5 गौवंश की मौत का आरोप, दो फर्मों पर भी केस दर्ज। जानें पूरा मामला.

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बेसहारा पशुओं की देखभाल के लिए करोड़ों के बजट से चल रहे मेरठ के कान्हा उपवन गौशाला में गायों की दुर्दशा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है. इस वीडियो में गौवंश को चारा-पानी न मिलने और उन्हें मरने के लिए छोड़े जाने के गंभीर आरोप लगाए गए थे. मामला सामने आते ही जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. इस मामले में नगर निगम के पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा गौशाला की देखभाल के लिए लगाई गई दो फर्मों पर भी पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि इस लापरवाही के कारण पांच गौवंश की मौत भी हुई थी.

क्या है कान्हा उपवन का पूरा मामला?

मेरठ के परतापुर स्थित कान्हा उपवन गौशाला को बेसहारा पशुओं की देखभाल के लिए बनाया गया था. इस गौशाला के लिए हर महीने 28 से 30 लाख रुपये का भारी-भरकम बजट पशुओं के खाने और रखरखाव के लिए आवंटित किया जाता है. कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने यहां की हकीकत सामने ला दी. वीडियो में गौवंश के रखरखाव को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े भ्रष्टाचार की बात कही गई. 

जैसे ही गौशाला की बदहाली का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने इस मामले में सख्त एक्शन लिया.  कान्हा उपवन की बदहाली के लिए जिम्मेदार पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह को देर रात करीब 2 बजे गिरफ्तार कर लिया गया. मेरठ पुलिस उन्हें थाना सिविल लाइन लेकर पहुंची, जहां उनसे पूछताछ की गई.

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मेरठ के थाना सिविल लाइन में डॉ. हरपाल सिंह सहित कान्हा उपवन की देखरेख के लिए जिम्मेदार दो फर्मों को आरोपी बनाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया है. इनमें से एक फर्म मेरठ की है और दूसरी कुशीनगर की. गिरफ्तारी के बाद डॉ. हरपाल सिंह ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह सभी कार्य नियमानुसार कर रहे थे. वहीं, इस मामले के बाद नगर निगम में हड़कंप मचा हुआ है और अधिकारी मीडिया से बचते नजर आ रहे हैं.

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मेयर ने क्या कहा?

मेरठ के मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने इस मामले पर कहा कि वह पिछले महीने ही गौशाला गए थे और तब सब कुछ ठीक लग रहा था. उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में कुछ बीमार और घायल गौवंश को वहां लाया गया था, जिनका इलाज भी किया जा रहा था. मेयर ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

फिलहाल, पूर्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी हरपाल सिंह पुलिस हिरासत में हैं और इस मामले में आगे की जांच जारी है. यह घटना पशुओं के कल्याण और सरकारी फंड के सही इस्तेमाल पर गंभीर सवाल खड़े करती है.

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