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अयोध्या मास्टर प्लान 2031 को लेकर बिग अपडेट, स्प्रिचुअल-टूरिज्म डेस्टिनेशन से लेकर प्लांड टाउनशिप, ये डिटेल सामने आईं

यूपी तक

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या महायोजना 2031 की समीक्षा की और इसे ‘ग्लोबल स्पिरिचुअल व टूरिज्म डेस्टिनेशन’ बनाने का लक्ष्य रखा. योजना के तहत शहर को आस्था, आधुनिकता और सस्टेनेबिलिटी के संतुलन के साथ विकसित किया जाएगा.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को विश्व के नक्शे पर एक 'ग्लोबल स्पिरिचुअल और टूरिज्म डेस्टिनेशन' के रूप में स्थापित करने के लिए अयोध्या महायोजना 2031 के प्रस्तावों की समीक्षा की है. इस अहम समीक्षा बैठक में सीएम ने निर्देश दिए कि अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता का एक संतुलित मॉडल होना चाहिए. इस महायोजना के तहत शहर के सुनियोजित और सस्टेनेबल (सतत) विकास की आधारशिला रखी गई है. इसका लक्ष्य अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करना है.

अयोध्या विजन 2047: ज्ञान नगरी से ग्रीन सिटी तक

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अयोध्या विजन 2047 के तहत इस पौराणिक नगरी को एक बहुआयामी पहचान दी जाएगी. अयोध्या को अब सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक ग्लोबल आध्यात्मिक नगरी, ज्ञान नगरी, उत्सव नगरी और हरित (ग्रीन) व सौर ऊर्जा आधारित नगरी के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा. इस विजन में तीर्थयात्री-अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर, विविधीकृत पर्यटन, ऐतिहासिक सर्किट और हेरिटेज वॉक को शामिल किया गया है.

अयोध्या विकास क्षेत्र में 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं. इनमें 8,594 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है. सीएम ने कहा कि इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और लोकल इकॉनमी को भी बूस्ट मिलेगा. 

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जनसांख्यिकी को ध्यान में रखकर सुनियोजित टाउनशिप

महायोजना 2031 की तैयारी जनसंख्या वृद्धि के अनुमानों पर आधारित है. वर्तमान में अयोध्या की जनसंख्या लगभग 11 लाख है. 2031 तक जनसंख्या के 24 लाख और 2047 तक 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है. इसी को ध्यान में रखते हुए सुनियोजित टाउनशिप, सड़कों और नागरिक सुविधाओं की योजना तैयार की गई है:

जोनिंग और भूमि उपयोग: अयोध्या विकास क्षेत्र को 18 जोनों में बांटा किया गया है. भूमि उपयोग के लिए 23.94 लाख की अनुमानित जनसंख्या को आधार बनाया गया है. इसमें 52.56% भूमि आवासीय इस्तेमाल के लिए रिजर्व है. 

अन्य भूमि आवंटन: वाणिज्यिक के लिए 5.11%, औद्योगिक के लिए 4.65%, सार्वजनिक उपयोग के लिए 10.28%, परिवहन के लिए 12.20% और हरित व खुले क्षेत्र के लिए 14.31% भूमि रिजर्व की गई है. सीएम ने औद्योगिक और मिश्रित भूमि के दायरे को बढ़ाने का निर्देश दिया है.

प्रमुख विकास कार्य: महायोजना में नए आवासीय टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, मल्टी-लेवल पार्किंग, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस मार्ग, रिंग रोड, एयरपोर्ट, टेंपल म्यूज़ियम, सौर ऊर्जा संयंत्र, और आधुनिक नागरिक सुविधाएं शामिल हैं.

पर्यावरण और आस्था का संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता

सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विकास कार्य योजना और नियमों के अनुरूप हों. अनियोजित प्लॉटिंग और कॉलोनाइजेशन पर तुरंत रोक लगाई जाए. उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि हर परियोजना पर्यावरणीय दृष्टि से सस्टेनेबल हो. सीएम ने सरयू नदी के तटों और हरित पट्टियों के संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया. पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर भी विभिन्न गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए गए.

इस समीक्षा बैठक में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए इनोवेशन को बढ़ावा देने और यथासंभव देसी मॉडल को अपनाने पर जोर दिया गया है. ये तय किया गया है कि लखनऊ, प्रयागराज, गोण्डा और अंबेडकर नगर मार्गों की ओर बस/ट्रक अड्डों सहित पार्किंग सुविधाओं का विकास किया जाएगा. सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या आज सिर्फ एक शहर नहीं है, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है. इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए आस्था, सौंदर्य और समृद्धि का संगम बनाना है.

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