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सचिन उपाध्याय हत्याकांड: आगरा कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेंद्र रावत, उनकी बेटी-बेटा दोषी करार, हुआ क्या था?

अरविंद शर्मा

UP News: साल 2023 में बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय की हत्या की गई थी. आरोप सचिन के ससुर, पत्नी और साले पर लगा था. अब इस मामले में कोर्ट का फैसला आया है.

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UP News: उत्तर प्रदेश के आगरा में बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय की हत्या के मामले में आगरा कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेंद्र रावत को अदालत ने दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाई है. इसी के साथ उनकी बेटी प्रियंका रावत उर्फ मोना और बेटे कृष्णा रावत को भी आजीवन कारावास की सजा दी है. एडीजे-17 नितिन कुमार ठाकुर की अदालत ने बुधवार को यह फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपितों को दोषी ठहराया है. सजा सुनाए जाने के बाद तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया.

क्या है ये पूरा मामला?

मिली जानकारी के मुताबिक, यह मामला थाना ताजगंज क्षेत्र का है. बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक सचिन उपाध्याय की शादी साल 2015 में बृजेंद्र रावत की बेटी प्रियंका रावत उर्फ मोना से हुई थी. मगर शादी के बाद से ही पति-पत्नी के बीच अक्सर विवाद रहता था.

मिली जानकारी के मुताबिक, सितंबर 2023 में सचिन ने अपने भाई के नाम से पेट्रोल पंप के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद ससुराल पक्ष की ओर से विवाद और बढ़ गया. आरोप है कि 11 अक्टूबर 2023 के दिन आरोपियों ने मिलकर सचिन को घर में बंद कर दिया और उसे खूब प्रताड़ित किया. अगले दिन यानी 12 अक्टूबर की शाम उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.

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मृतक के परिवार का दावा था कि सचिन के शरीर पर चोटों के निशान थे. यहां तक की शरीर पर जले के निशान भी थे. पोस्टमॉर्टम में भी हत्या की बात सामने आई थी. इसके बाद पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था. बता दें कि इसके बाद पुलिस ने पहले कृष्णा रावत को गिरफ्तार किया था और इसके बाद पुलिस ने बृजेंद्र रावत और प्रियंका रावत को भी पकड़ लिया था. अब इस मामले में कोर्ट ने तीनों को हत्या का दोषी माना है और सजा सुनाई है.

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