जौनपुर से क्यों कटा बसपा प्रत्याशी श्रीकला का टिकट? मायावती ने खुद किया फोन और बदल गया खेल

कुमार अभिषेक

Dhananjay Singh Wife Shrikala Jaunpur : धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह का टिकट आखिरकार काट गया है. बसपा ने अब जौनपुर से श्याम सिंह यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है.

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Dhananjay Singh Wife Shrikala Jaunpur : धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह का टिकटआखिरकार काट गया है. बसपा ने अब जौनपुर से श्याम सिंह यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं अब बसपा की ओर से टिकट काटे जाने  के कारणों पर कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं.  क्या धनंजय खुद चुनाव से बाहर होना चाहते थे या फिर मायावती ने किसी दबाव में अपना उम्मीदवार बदल दिया? इस सब सवालों से पर्दा उठना बाकी है लेकिन जौनपुर में इस वक्त जो चर्चा है, उसके पीछे कई थ्योरी काम कर रही है. 

रातों-रात क्यों कटा टिकट

जौनपुर में अचानक बीएसपी का टिकट बदले जाने से पूर्वांचल की सियासत गरमा गई है. चर्चा है कि धनंजय सिंह जो हर हाल में चुनाव लड़ना चाहते थे, बीएसपी ने उनकी पत्नी श्रीकला को उम्मीदवार बनाया तो ऐसा क्या हुआ कि पार्टी ने रातों-रात उनका टिकट काटकर अपने पुराने सांसद श्याम सिंह यादव पर भरोसा जताया. दरअसल, चर्चा धनंजय सिंह पर एक अदृश्य दबाव की भी है. क्या यह दबाव जांच एजेंसियों का है या फिर किसी राजनीतिक दल का? इस पर चर्चा तो खूब हो रही है लेकिन आधिकारिक तौर पर कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है.

मायावती ने किया फोन

देखा जा रहा है कि जब से धनंजय सिंह जेल से बाहर आए हैं, उसके बाद से ही श्रीकला की सियासी गतिविधियां कम हो गई. उनका चुनाव प्रचार थम सा गया और अचानक यह चर्चा चल निकली कि बीएसपी अपना उम्मीदवार बदलने जा रही है. वहीं रविवार देर रात श्याम सिंह यादव के पास मायावती का फोन आया और उन्हें बताया गया कि अब आप जौनपुर से बसपा के प्रत्याशी होंगे. रातों-रात बसपा ने अपना टिकट बदल दिया और धनंजय सिंह एक बार फिर खाली हाथ रह गए.

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चल रही हैं ये चर्चाएं

जौनपुर में ये भी चर्चा है कि एक बार फिर कृपाशंकर सिंह जो कि भाजपा के उम्मीदवार हैं, यह सब उनके ही मायाजाल का नतीजा है. दूसरी चर्चा यह की हाल में तिहाड़ में जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई की गतिविधियों से भी धनंजय सिंह को जोड़ने की कोशिश हुई. इसके बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हूईं और इसके बाद धनंजय सिंह ने खुद को पीछे किया. तीसरी चर्चा यह कि भाजपा ने ठाकुर नेताओं के लॉबी का सहारा लिया और धनंजय सिंह पर दबाव बनाया. हाल में ही राजा भैया की मुलाकात अमित शाह से हुई है. इसके पहले बस्ती के राज किशोर सिंह बीजेपी आ गए, अभय सिंह न सिर्फ भाजपा आए बल्कि उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा दी गई. तो क्या सभी ठाकुर नेताओं ने मिलकर धनंजय सिंह को कोई आश्वासन दिया?

खुद धनजंय सिंह ने लिया ये फैसला!

अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि धनंजय सिंह ने खुद को पीछे किया या मायावती ने उनकी पत्नी का टिकट काटा. चर्चा है कि धनंजय सिंह ने किसी अदृश्य दबाव में खुद को पीछे कर लिया है और मायावती से एक सम्मानजनक एग्जिट का आग्रह किया. इसके बाद मायावती ने अपने वर्तमान सांसद श्याम सिंह यादव को टिकट दे दिया. ऐसी तमाम थ्योरी इस वक्त जौनपुर की सियासत में तैर रही है, जिसके जरिए यह समझने की कोशिश की जा रही है कि आखिर वह धनंजय सिंह जिन्होंने हर हाल में चुनाव लड़ने की ठान रखी थी उनके तेवर क्यों ढीले पड़ गए.

यह साफ होता जा रहा है कि बसपा ने टिकट काटा तो अब धनंजय सिंह या उनकी पत्नी श्रीकला धनंजय सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगी. लेकिन क्या यह दांव बीजेपी को उल्टा पड़ेगा या अब यह सीट भी बीजेपी के लिए आसान हो जाएगी. इस पर आने वाले दिनों में खूब सियासी चर्चा होगी.

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