संभल में अचानक उतर गई पूरी फोर्स, जामा मस्जिद के आसपास क्यों होने लगा मार्च? देखिए वीडियो

अभिनव माथुर

जामा मस्जिद के आसपास के इलाकों में फ्लैग मार्च के साथ-साथ पेट्रोलिंग तेज कर दी गई है. सोशल मीडिया पर हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.

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संभल की शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करते हुए साफ कहा कि यह मामला पूजा स्थल के स्वरूप में बदलाव का नहीं है, बल्कि एक संरक्षित स्मारक तक पहुंच के अधिकार से जुड़ा है. हाई कोर्ट ने पहले से तय सर्वे को वैध ठहराते हुए कहा कि जिला सिविल न्यायालय का आदेश कानून के दायरे में है और इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा. इस फैसले के बाद संभल में एक बार फिर संवेदनशीलता बढ़ गई है, जिसके मद्देनजर पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है.

SP के नेतृत्व में फ्लैग मार्च, PAC और RRF तैनात

हाई कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद संभल के जामा मस्जिद क्षेत्र सहित अन्य संवेदनशील इलाकों में SP केके विश्नोई ने खुद मोर्चा संभाला. उन्होंने PAC, RRF और कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ पैदल मार्च किया. इस दौरान जामा मस्जिद के आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल की मौजूदगी देखी गई.

SP केके विश्नोई ने बताया, 'फ्लैग मार्च नियमित पेट्रोलिंग जैसा ही है लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है. सोशल मीडिया पर साइबर टीम नजर बनाए हुए है. कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई बयान या पोस्ट न करे जिससे सांप्रदायिक माहौल बिगड़े.'

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सोशल मीडिया पर पैनी निगरानी, अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

SP विश्नोई ने साफ शब्दों में कहा कि सोशल मीडिया पर पुलिस की साइबर टीम लगातार निगरानी कर रही है. किसी भी भड़काऊ पोस्ट या अफवाह फैलाने की कोशिश करने वालों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने लोगों से संयम बरतने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की.

24 नवंबर की हिंसा की यादें फिर ताजा

बीते साल 24 नवंबर को जब एडवोकेट कमीशन की टीम जामा मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंची थी, तब इलाके में हिंसक झड़पें हुई थीं. इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई थी. इसलिए इस बार पुलिस प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता.

जमीनी हालात: पूरी मुस्तैदी से तैनात है फोर्स

जामा मस्जिद के आसपास के इलाकों में फ्लैग मार्च के साथ-साथ पेट्रोलिंग तेज कर दी गई है. सोशल मीडिया पर हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं. संभल में हालात इस समय नियंत्रण में हैं लेकिन पुलिस पूरी मुस्तैदी से तैनात है. प्रशासन का साफ संदेश है कि कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होगा और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे. इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है, जहां मस्जिद कमेटी ने पहले ही विशेष याचिका दायर कर रखी है.

(पीटीआई के इनपुट्स के साथ).

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