पीलीभीत की मंजीत के पति को सिख से जबरदस्ती बनाया गया ईसाई! महिला बोली- मैंने धर्म परिवर्तन से किया इनकार तो बच्चों को मारा
Pilibhit Religious Conversion News: पीलीभीत में नेपाल सीमा से सटे गांवों में सिख समुदाय के जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया, 8 नामजद और दर्जनों अज्ञात पर मुकदमा दर्ज.
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Pilibhit Religious Conversion News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में नेपाल सीमा से सटे गांवों में सिख समुदाय के लोगों का 'जबरन धर्म परिवर्तन' कराए जाने का गंभीर मामला सामने आया है. मंजीत नामक पीड़ित सिख महिला की शिकायत के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति को बहला-फुसलाकर पहले ही ईसाई धर्म अपना लेने के लिए मजबूर किया गया और अब उसे भी जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला जा रहा है. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने आठ नामजद और दर्जनों अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
हजारा थाना क्षेत्र के बैल्हा, टाटरगंज और बम्मनपुरा भगीरथ जैसे गांवों में यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है. आरोप है कि नेपाल से आए प्रोटेस्टेंट पादरी 2020 से यहां के गरीब सिखों को अंधविश्वास, रोग निवारण सभाओं और आर्थिक प्रलोभनों के जरिए ईसाई बना रहे हैं. इस क्षेत्र में अब सिख धर्म से ही निकले कुछ लोगों को पास्टर बना दिया गया है, जो अन्य सिखों को ईसाई बनाने में लगे हैं.
सिख संगठन का विरोध और कार्रवाई की मांग
इस मामले को लेकर ‘ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल’ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने सख्त आपत्ति जताई है. उन्होंने शुक्रवार शाम को स्थानीय गुरुद्वारा सिंह सभा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशासन को सौंपे गए सबूतों और आंकड़ों के आधार पर बताया कि क्षेत्र में करीब 3000 सिखों का धर्म परिवर्तन हो चुका है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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जग्गी ने बताया कि बैल्हा, टाटरगंज, बम्मनपुरा भगीरथ गांवों में करीब 20 हजार सिख आबादी है, जिसमें से बड़ी संख्या में लोग अब ‘सिंह’ उपनाम का इस्तेमाल करते हुए भी ईसाई बन चुके हैं. इससे धार्मिक पहचान की स्पष्टता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि यदि किसी ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है, तो उसे अपने दस्तावेजों में धर्म परिवर्तन की सूचना देनी चाहिए.
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हरपाल सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि नेपाल की सीमाओं से सटे इन इलाकों में विदेशी ताकतें साजिश के तहत धर्म परिवर्तन करवा रही हैं, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा भी प्रभावित हो सकती है. उन्होंने बताया कि नेपाल से आए पादरी 2012 से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और गरीबी व अंधविश्वास का फायदा उठाकर धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं.
पीड़ित महिला की आपबीती जानिए
पीड़ित महिला मंजीत का आरोप है कि उसके पति को पहले ईसाई धर्म में शामिल कर लिया गया और अब नेपाल के पादरी परिवार के अन्य सदस्यों को भी जबरन धर्म बदलने का दबाव बना रहे हैं. मंजीत का दावा है कि उसने मना किया धर्म परिवर्तन से तो उसके खेत में आरोपियों ने नुकसान पहुंचाया और बच्चों संग मारपीट की. मंजीत ने कहा कि आरोपी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने और 2 लाख देने का लालच दे रहे हैं. महिला ने प्रशासन से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई है.
वीडियो में देखें मंजीत ने क्या बताया?
फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आठ आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. प्रमुख आरोपी अभी फरार बताए जा रहे हैं. सिख संगठनों का कहना है कि यह मामला सिर्फ धर्म परिवर्तन का नहीं, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है.