J&K के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसरों पर CBI के छापे, जानें क्यों हो रही ये कार्रवाई

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Satyapal Malik News: जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आलोचक सत्यपाल मलिक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, गुरुवार को सीबीआई ने किरु पनबिजली परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में सत्यपाल मलिक के परिसरों और 29 अन्य स्थानों पर छापे मारे. छापेमारी के पीछे की वजह ये बताई गई है कि किरू जलविद्युत परियोजना से संबंधित सिविल कार्यों के आवंटन में ई-टेंडरिंग के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया था.

सीबीआई अधिकारियों ने क्या बताया?

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कई शहरों में 30 स्थानों पर सुबह छापे मारे, जिसमें लगभग 100 अधिकारी शामिल हुए.  उन्होंने बताया कि यह मामला 2,200 करोड़ रुपये के किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों को आवंटित करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है.

बता दें कि मलिक 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे. उन्होंने दावा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. इनमें से एक फाइल परियोजना से संबंधित थी.  सीबीआई ने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (पी) लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी और अन्य पूर्व अधिकारियों एम एस बाबू, एम के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

 

 

कौन हैं सत्यपाल मलिक

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में जन्मे 77 वर्षीय सत्यपाल मलिक 1 बार विधायक और 1 बार सांसद रहे हैं. वे छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहे और अपनी यूनिवर्सिटी के दो बार अध्यक्ष रहे. उन्होंने अपने सियासी पारी की शुरुआत चौधरी चरण सिंह के साथ की थी. वो बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके है, हालांकि बाद में वो पार्टी से अलग हो गए. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जब सैनिकों पर टेरर अटैक हुआ, तब सत्यपाल मलिक राज्य के राज्यपाल थे. सत्यपाल मलिक  देश के कई राज्यों बिहार, गोवा और मेघालय के भी राज्यपाल रह चुके हैं.

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पुलवामा हमले पर मलिक ने कही थी ये बात

सत्यपाल मलिक ने पिछले दिनों विपक्षी नेता राहुल गांधी से बातचीत करते हुए पुलवामा में हुए आतंकी हमले, मणिपुर में हुई हिंसा, धारा 370 जैसे कई मुद्दों पर बात की थीं. पुलवामा हमले पर उन्होंने कहा था, "मैंने कभी नहीं कहा कि उस समय सत्ता में मौजूद लोग हमले के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन हां उन्होंने हमले का इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए किया." आपको बता दें कि जम्मू और श्रीनगर के बीच नेशनल हाइवे पर पुलवामा में 4 फरवरी, 2019 को एक आतंकवादी ने अपनी विस्फोटकों से लदी कार से सीआरपीएफ(CRPF) जवानों की बस में टक्कर मार दी थी, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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