यूपी तक पहुंच रही इथोपिया के ज्वालामुखी की राख! कई इंटरनेशनल उड़ानें कैंसिंल, अभी जानिए कैसा है हाल
अफ्रीका के इथियोपिया में 10000 साल बाद फटे हायली गुब्बी ज्वालामुखी से निकली राख का गुबार अब 4000 किलोमीटर की दूरी तय करके भारत के उत्तर-पश्चिम और मध्य मैदानी इलाकों में फैल गया है.
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अफ्रीका के इथियोपिया में 10000 साल बाद फटे हायली गुब्बी ज्वालामुखी से निकली राख का गुबार अब 4000 किलोमीटर की दूरी तय करके भारत के उत्तर-पश्चिम और मध्य मैदानी इलाकों में फैल गया है. इससे कई अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. यह राख का गुबार गुजरात और राजस्थान को पार करते हुए उत्तर प्रदेश के तराई बेल्ट और हिमालयी क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने राख के खतरे को देखते हुए भारतीय एयरलाइंस और हवाई अड्डों के लिए विस्तृत सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है.
इथियोपिया की राख का गुबार का यूपी तक असर
इथियोपिया के इस ज्वालामुखी विस्फोट से वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और ज्वालामुखीय राख, साथ ही कांच और चट्टान के छोटे कणों का विशाल गुबार 15000 से 45000 फीट की ऊंचाई पर फैल गया है. यह गुबार 100-130 किमी/घंटा की रफ्तार से पूर्वोत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है. राख का गुबार ओमान-अरब सागर क्षेत्र से होता हुआ अब राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब तक पहुंच गया है.
उत्तर प्रदेश पर इसका ऐसा असर
यह गुबार बाद में उत्तर प्रदेश के तराई बेल्ट और हिमालय के सटे इलाकों को प्रभावित करेगा. विशेषज्ञों के अनुसार सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) की उच्च सांद्रता के कारण उत्तराखंड और नेपाल की पहाड़ियों पर SO2 स्तर बढ़ सकता है. चूंकि राख का यह गुबार वायुमंडल के मध्य स्तरों पर है, इसलिए जमीन पर AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) स्तर पर कोई खास प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है. हालांकि कुछ स्थानों पर राख के कणों की हल्की बारिश जैसी दिख सकती है. इसके अलावा आसमान भी धुंधला दिख सकता है.
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एयर ट्रैफिक पर पड़ा असर
ज्वालामुखी की राख विमान के इंजन और अन्य प्रणालियों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए विमानन सुरक्षा को लेकर तत्काल अलर्ट जारी किया गया है. राख के बादलों की वजह से अकासा एयर ने 24 और 25 नवंबर की जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी की उड़ानों को रद्द कर दिया है. इसी तरह इंडिगो ने भी मध्य-पूर्व की कुछ उड़ानों को रद्द किया है. डच कंपनी केएलएम ने एम्स्टर्डम से दिल्ली की अपनी उड़ान को रद्द कर दिया.
विमानन नियामक DGCA ने सभी एयरलाइंस को ज्वालामुखी राख से प्रभावित क्षेत्रों और उड़ान स्तरों से सख्ती से बचने का निर्देश दिया है. एयरलाइंस को नवीनतम एडवाइजरी के आधार पर उड़ान योजना, रूटिंग और ईंधन संबंधी बातों को समायोजित करने के लिए कहा गया है. पायलटों को इंजन के प्रदर्शन में विसंगतियों या केबिन में धुएं/गंद सहित किसी भी संदिग्ध राख के संपर्क की तुरंत रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.











