लखनऊ की हाईटेक सहारा सिटी से इस बार क्या-क्या सामान ले गईं सुब्रत रॉय की पत्नी स्वप्ना... लिस्ट देखिए
लखनऊ में सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय की सहारा सिटी सील होने के बाद 22 नवम्बर को उनकी पत्नी स्वप्ना रॉय अपनी गृहस्थी का सामान लेकर चली गईं. नगर निगम ने इस पूरे प्रॉसेस की वीडियोग्राफी कराई है.
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लखनऊ के गोमती नगर स्थित सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय की सहारा सिटी अब नगर निगम की संपत्ति है. नगर निगम प्रशासन ने 6 अक्टूबर को इसे सील कर दिया था. लीज की शर्तों का उल्लंघन होने पर नगर निगम और एलडीए ने यह कार्रवाई की थी. इस बीच सुब्रत रॉय की पत्नी स्वप्ना रॉय ने नगर निगम से अनुमति लेकर 22 नवंबर को सहारा सिटी से अपनी गृहस्थी का सामान बाहर निकलवाया. कार्रवाई के दौरान नगर निगम टीम ने पूरे प्रोसेस की वीडियोग्राफी कराई. बाहर ले जाए गए सामान की सूची तैयार की गई. अधिकारियों के अनुसार, इससे पहले भी यहां से कई बार सामान निकाला जा चुका है. लेकिन इस बार स्वप्ना रॉय 6 डालों में सामान भरकर बाहर ले गईं हैं.
इस बार क्या-क्या सामान ले गई स्वप्ना रॉय?
जानकारी मिली है कि स्वप्ना रॉय की मौजूदगी में घरेलू सामान, किताबें और दवाइयां बाहर निकाली गई हैं. निगम अधिकारियों का कहना है कि रिकॉर्ड में इस कार्रवाई की एंट्री कर दी गई है और इसे दस्तावेजों में सुरक्षित रखा जाएगा.
सहारा सिटी के निवासियों का नाम हटेगा मतदाता सूची से
इधर, सहारा सिटी में रहने वाले लोगों का नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. स्वप्ना रॉय के अलावा सुशांतो रॉय, मौसमी रॉय, जयव्रत रॉय, सम्राट नियोगी, तृषा नियोगी, सुदीप नियोगी, आनंद बालिया, तारा पंथी, मनीषा भट्टाचार्य, कैहर सिंह समेत 19 नाम अभी वोटर लिस्ट में दर्ज हैं. BLO राजेश के अनुसार, एसआईआर प्रक्रिया जारी है लेकिन मौके पर कोई नहीं मिलने के कारण सभी फॉर्म दीवार पर चस्पा कर दिए गए हैं.
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चूंकि सहारा सिटी में अब कोई नहीं रहता ऐसे में तय माना जा रहा है कि इस पते से सभी वोटरों के नाम मतदाता सूची से हट जाएंगे. BLO दो बार एड्रेस वेरिफिकेशन के लिए पहुंच चुके हैं. लेकिन सीलिंग और सुरक्षा के कारण उन्हें गार्डों ने अंदर प्रवेश नहीं करने दिया. अब प्रक्रिया के तहत नोटिस जारी किया जाएगा और अगर निर्धारित समय में दावा नहीं किया गया तो नाम खुद ही हट जाएंगे.
सहारा सिटी में नगर निगम ने क्यों की थी ये कार्रवाई?
नगर निगम ने मुलायम सिंह यादव सरकार के समय सहारा को 170 एकड़ जमीन लीज पर दी थी. इसमें से 130 एकड़ जमीन लाइसेंस डीड के तहत आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए थी. लेकिन सहारा समूह ने नियमों का उल्लंघन करते हुए यहां लग्जरी बंगले, ऑडिटोरियम, स्टेडियम और हेलीपैड जैसी सुविधाएं बना लीं. नगर निगम ने सहारा के नोटिस का जवाब खारिज करने के बाद सील करने की कार्रवाई की थी.
कैसे डिजाइन किया गया था सहारा शहर को?
सहारा शहर को इस तरह डिजाइन किया गया था कि यह खुद में एक पूरा और आत्म-निर्भर शहर जैसा लगे. यहां हर तरह की आधुनिक सुविधाएं मौजूद थीं. ये सुविधाएं आम तौर पर किसी छोटे शहर में भी नहीं मिलती हैं, लेकिन यहां सुब्रत रॉय ने सब उपलब्ध कराई थीं. परिसर के केंद्र में एक आलीशान, महलनुमा बंगला मौजूद था जो सहाराश्री सुब्रत रॉय का आवास था.
और कौन-कौन सी सुविधाएं थीं मौजूद?
- आवागमन को सुगम और विशेष बनाने के लिए इस परिसर में हेलीपैड भी बनवाया गया था.
- यहां 5000 की क्षमता वाला विशाल सभागार (ऑडिटोरियम) और एक मॉडर्न थिएटर मौजूद था. ऐसा कहा जाता है कि बड़े आयोजनों और निजी स्क्रीनिंग के लिए इसका इस्तेमाल होता था.
- प्रवेश और सुरक्षा के लिए एयरपोर्ट जैसे स्कैनर लगाए गए थे.
- 130 एकड़ के इस विशाल परिसर में क्लब हाउस, बड़ा स्विमिंग पूल, और एक आर्टिफिशियल झील भी मौजूद थी. इसके अलावा, कर्मचारियों और निवासियों की सुविधाओं के लिए अस्पताल, फायर स्टेशन और पेट्रोल पंप जैसी मूलभूत सुविधाएं भी विकसित की गई थीं.











