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101 रुपए के लिए लखनऊ में शशि प्रकाश उपाध्याय की हत्या, जिन 2 दोस्तों को दिलाई नौकरी उन्होंने ही निपटाया

अंकित मिश्रा

24 वर्षीय शशि प्रकाश उपाध्याय अंबेडकरनगर का रहने वाला था.  शशि प्रकाश इंदिरानगर में किराए एक मकान में एक कमरा लेकर रहता था. बुधवार रात उसका शव घर से करीब 200 मीटर दूर चौराहे पर खून से लथपथ मिला जिसे देखकर इलाके में हड़कंप मच गया.

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Lucknow News
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लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां 24 साल का शशि प्रकाश उपाध्याय अपने दोस्त प्रिंस के साथ किराए के मकान में कमरा लेकर रहता था. शशि ने अपने रूम पार्टनर प्रिंस और अखिलेश को लखनऊ में नौकरी भी दिलवाई थी. लेकिन उसे ये नहीं पता था जिन्हें वह अपना दोस्त समझ रहा है असल में एक दिन वहीं उसकी जान ले लेंगे.  प्रिंस ने अपने रूम पार्टनर शशि प्रकाश को अपने दो और दोस्तों के साथ मिलकर मार डाला. उनके बीच विवाद की वजह सिर्फ 101 रुपए थी जिसे लेकर उनके बीच बहस हुई जो मारपीट में बदल गई. इस दौरान प्रिंस, अखिलेश और अंगद ने  शीशे के एक टुकड़े से शशि पर हमला किया जिससे उसकी मौत हो गई. फिलहाल इस मामले में पुलिस ने आरोपी प्रिंस उर्फ अरुण यादव और अखिलेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं एक और साथ अंगद अभी भी फरार है.

खून से लथपथ मिला था शशि प्रकाश का शव

24 वर्षीय शशि प्रकाश उपाध्याय अंबेडकरनगर का रहने वाला था.  शशि प्रकाश इंदिरानगर में किराए एक मकान में एक कमरा लेकर रहता था. बुधवार रात उसका शव घर से करीब 200 मीटर दूर चौराहे पर खून से लथपथ मिला जिसे देखकर इलाके में हड़कंप मच गया. पुलिस ने रविवार को केस का खुलासा करते हुए दो आरोपी प्रिंस उर्फ अरुण यादव और अखिलेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया. जबकि तीसरा आरोपी अंगद अभी भी फरार है. बता दें कि पकड़े गए सभी आरोपी शशि प्रकाश के दोस्त थे. 

दोस्तों ने मिलकर मार डाला

पकड़े गए अखिलेश कुमार और प्रिंस उर्फ अरुण यादव ने पूछताछ में बताया कि पैसों के लेन-देन में विवाद हुआ था. तीसरा आरोपी अंगद है जो अभी फरार है. प्रिंस, शशि का रूम पार्टनर भी था. चारों एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते थे और 19 नवंबर की रात इंदिरानगर सेक्टर-8 चौराहे पर वारदात को अंजाम दिया. 

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101 रुपये को लेकर विवाद

डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि शशि ने आरोपी अंगद को जूते खरीदने के लिए 800 रुपए उधार दिए थे जिनमें से 101 रुपए बाकी थे. उसी को वापस करने के बहाने तीनों ने शशि को बुलाया. पैसों की बात पर बहस शुरू हुई जो मारपीट में बदल गई. इसी दौरान एक शीशे का टुकड़ा उठाकर शशि के सिर पर मारा गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद आरोपी रात में ही भाग निकले. पूछताछ में सामने आया कि शशि ने ही तीनों को नौकरी दिलवाई थी. अखिलेश और प्रिंस उसके अंडर पार्ट-टाइम काम करते थे. वारदात के बाद आरोपी लखनऊ छोड़कर भागने की फिराक में थे.

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