Uttar Pradesh News : गोरखपुर के ग्रामीण वितरण खण्ड द्वितीय के नौसढ उपखंड पर एक ऐसा वाकया सामने आया जिसके बाद गोरखपुर से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया. दरअसल, बिजली निगम के ऑपरेटर की लापरवाही और सिस्टम की खामियों की वजह से एक उपभोक्ता का एक अरब से अधिक का बिल जमा हो गया. जब कुछ समय बाद हिसाब में मिलान करने की बारी आयी तब जाकर यह लापरवाही पकड़ में आयी जिसके बाद गोरखपुर वितरण खंड में हड़बड़ाहट की स्थिति बन गई. देर रात तक उस बिल के सुधार के लिए माथापच्ची हुई.
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यह है पूरा मामला
दरअसल, छोहाड़ी देवी अचानक से अरबपति भुगतानकर्ता बन गई. मिली जानकारी के अनुसार उनका बेटा अपने घरेलू कनेक्शन संख्या- 1975876000 का बिजली बिल नौसढ स्थित ग्रामीण वितरण उपखंड के काउंटर पर पहुंचा. वह बिल का बकाया ₹4950 जमा किया और साथ में एक अरब 97 करोड़ रुपए की जमा रसीद लेकर घर चला गया. जब इस जमा राशि की सूचना लखनऊ में बैठे उच्च अधिकारियों को हुई तो उन्होंने इसकी जानकारी मांगी.
कहां से हुई चूक
इस बाबत जब संबंधित अधिकारियों से पूछा गया तब पता चला कि ऑपरेटर ने रक़म लेकर जमा कर दिया था. ऑपरेटर ने बिल भुगतान की रक़म लिखने की बजाय संबंधित कॉलम में उपभोक्ता की 10 डिजिट की कनेक्शन आईडी कॉपी कर पेस्ट कर दी. अब पेमेंट डन होने के बाद यह हड़कंप मच गया कि किसी ने एक अरब 97 करोड़ का भुगतान कर दिया है. आनन-फानन में लखनऊ स्थित शक्ति भवन के डेटा सेंटर के दिशा-निर्देश पर एक्सइएन की आईडी से पेमेंट कैंसिल कराया गया.
सामने आई ये जानकारी
इस मामले में गोरखपुर वितरण के मुख्य अभियंता आशु कालिया ने बताया कि, ‘त्रुटिवश हमारे कैशियर ने अमाउंट की जगह उसका अकाउंट नंबर डाल दिया जोकि दस अंक का होता है. टंकण त्रुटि होने के कारण यह असुविधा की स्थिति पैदा हुई. यह एक मानवीय भूल थी. जिसको तुरंत पकड़ लिया गया और उस रसीद को सुधार कर लिया गया है.’
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