उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिससे सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. आपको बता दें कि अपहरण और रंगदारी के मामले में जौनपुर जेल में बंद पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अब बरेली जेल में ट्रांसफर करने का आदेश जारी हुआ है. इस आदेश के जारी होने के बाद भारी सुरक्षा के बीच धनंजय सिंह को जौनपुर से बरेली जेल ले जाया जा रहा है. मालूम हो कि धनंजय बीती छह मार्च से जौनपुर के जिला जेल में बंद थे.
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क्या हैं धनंजय सिंह के जेल बदलने के सियासी मायने?
यूं तो धनंजय सिंह की जेल बदलने के पीछे प्रशासनिक आधार बताया गया है. मगर कयास लगाए जा रहे हैं कि जौनपुर जेल में रहकर धनंजय सिंह भाजपा प्रत्याशी कृपा शंकर सिंह के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे थे. जौनपुर जेल के अंदर से ही धनंजय सिंह अपनी पत्नी श्रीकला रेड्डी के चुनाव का प्रबंध देख रहे थे. कृपाशंकर सिंह को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया तो पहले धनंजय सिंह ने सपा का दरवाजा खटखटाया कि उन्हें टिकट मिल जाए. मगर समाजवादी पार्टी ने किनारा किया तो पुराने रिश्ते काम आए. मायावती ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को जौनपुर से टिकट दे दिया.
जौनपुर सीट से श्रीकला रेड्डी के उतरने से भाजपा प्रत्याशी के लिए मुश्किलें बढ़ने की बात सामने आई. एक तरफ धनंजय सिंह का 5 सालों में लोगों के बीच बनी पैठ, क्षत्रिय वोटों का ध्रुवीकरण. तीसरा पर सबसे अहम कारण बीएसपी से टिकट मिलने के बाद बसपा का कैडर वोट भी धनंजय सिंह की पत्नी के साथ खड़ा हो गया, जिसकी वजह से श्रीकला रेड्डी का पलड़ा भारी होने की बात सामने आई. प्रशासनिक आधार पर धनंजय सिंह की जेल भले ही बदली गई हो, लेकिन इसके सियासी मायने ही निकाले जा रहे हैं.
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