Yogi Adityanath News: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश के भीतर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खराब प्रदर्शन के बाद से यह चर्चा तेज है कि केंद्रीय नेतृत्व अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पद से हटा सकता है. लोकसभा चुनाव के बाद से ही यूपी में संगठन और सरकार के बीच सब कुछ सही नहीं चल रहा है. दूसरी तरफ भाजपा के नेता ही अपनी सरकार को घेरते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ के भविष्य को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है. इसी मुद्दे पर India Today के Tak क्लस्टर हेड नीरज गुप्ता ने वरिष्ठ पत्रकार और राजनितिक विश्लेषक नीरजा चौधरी से खास बातचीत की. खबर के आगे तफ्सील से जानिए नीरजा चौधरी हमें क्या-क्या बताया?
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क्या है भाजपा के खराब प्रदर्शन की वजह?
वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी ने बताया, "2024 के चुनाव के बाद से उत्तर प्रदेश में उथल पुथल मची हुई है. 2024 के चुनाव के वक्त भाजपा के नेताओं को ऐसा लग रहा था कि वे 2019 में जीती गईं 62 सीटों से ज्यादा सीट इस बार जीतेंगे. ऐसा माहौल था कि भाजपा 80 में से 75 सीटों तक जीत लेगी और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में जो नुकसान होगा उसकी भरपाई यूपी कर लेगा. मगर पहले दो फेज में वोटिंग प्रतिशत में कमी देखने को मिली, जिसका अंदाजा यह लगाया गया कि भाजपा का वोटर वोट देने नहीं निकला है. इसके बाद जल्दी-जल्दी हालात बदलते गए. और छठे और सातवें फेज में गैर यादव ओबीसी जो भाजपा के साथ पिछले 10 सालों से था, वे भी उससे छिटक गया."
क्या सीएम योगी को पद से हटा दिया जाएगा?
इस मुद्दे पर नीरजा चौधरी ने कहा, "सीएम योगी की मीटिंग में दोनों डिप्टी सीएम का ना जाना...इंसल्ट माना गया. मगर ये सब करना बिना दिल्ली की आंख के इशारे के मैं नहीं मानती संभव हो सकता है. शुरू में ऐसा लग रहा था कि प्रहार काफी कड़ा करने का इरादा है. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि शायद थोड़ा टाइम दे रहे हैं, योगी आदित्यनाथ को 10 उपचुनावों तक का. अब सवाल किया जा रहा है क्या योगी आदित्यनाथ 10 में से ज्यादा सीटें जीतकर अपना दबदबा बना पाएंगे या नहीं. उसपर बहुत चीजें निर्भर करेंगी."
उन्होंने आगे कहा, "महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में अभी विधानसभा चुनाव होने हैं. मान लीजिए अगर तीनों राज्यों में भाजपा हार जाती है तो दिल्ली के हाथ कमजोर हो जाएंगे लखनऊ में कुछ करने के लिए. मान लीजिए एक या दो राज्य भाजपा जीत जाती है तो सेन्ट्रल लीडरशिप स्ट्रॉन्ग हो जाएगी."
बकौल नीरजा चौधरी, "सवाल है कि योगी आदित्यनाथ को हटाने से पब्लिक लेवल पर क्या डैमेज होगा? योगी आदित्यनाथ को आज भी लोकप्रिय माना जाता है. बहुत लोग कहते हैं उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर को ठीक किया है, हिंदुत्व का चेहरा हैं. तो उनको हटाना भी खतरे से खाली नहीं है, ऐसा कई लोग मान रहे हैं. सेन्ट्रल लीडरशिप के सामने योगी आदित्यनाथ एक चुनौती के रूप में हैं, वो इन्हें कैसे हैंडल करेंगे ये अभी स्पष्ट नहीं हुआ है."
कौन हैं नीरजा चौधरी?
आपको बता दें किनीरजा चौधरी देश की वरिष्ठ पत्रकारों में से एक हैं. वह बीते 40 सालों से राजनीति को कवर कर हैं. वर्तमान में वह इंडियन एक्सप्रेस अखबार की कॉंट्रिब्यूटिंग एडिटर हैं. पिछले साल नीरजा चौधरी की बेहद चर्चित किताब आई थी 'How Prime Ministers Decide'. यह किताब पिछले चार दशक का, इस देश की राजनीति का आइना है. उन्होंने अपनी पत्रकारिता के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते हैं. इनमें उत्कृष्ट महिला मीडियाकर्मियों के लिए पहला चमेली देवी जैन पुरस्कार, मानव अधिकारों के लिए इंडिया टुडे-पीयूसीएल पत्रकारिता पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ राजनीतिक रिपोर्टिंग के लिए प्रेम भाटिया पुरस्कार शामिल हैं. उनके साप्ताहिक कॉलम, द नीरजा चौधरी कॉलम को समकालीन भारतीय राजनीति के प्रतिभागियों और पर्यवेक्षकों द्वारा व्यापक रूप से फॉलो किया जाता है.
पूरी बातचीत को आप यहां नीचे शेयर किए गए वीडियो में देख सकते हैं:
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