अपने बल पर निकाय चुनाव लड़ेगी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी: शिवपाल सिंह यादव

भाषा

• 05:29 PM • 16 Sep 2022

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी प्रदेश में अपने बल पर स्‍थानीय…

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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी प्रदेश में अपने बल पर स्‍थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी.

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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की प्रदेश कार्यकारिणी, जिला-महानगर अध्यक्षों, मंडल प्रभारियों, पदाधिकारियों और प्रवक्ताओं की पार्टी कार्यालय पर आयोजित संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अपने पूर्व के अनुभवों से सबक लेते हुए आसन्न स्थानीय निकाय का चुनाव अपने दम पर लड़ेगी.

पार्टी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक यादव ने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) समावेशी राष्ट्रवाद के सिद्धांत के साथ आगे बढ़ेगी. उन्‍होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि राम के नाम पर विभाजन व नफरत की राजनीति की इजाजत किसी को नहीं है. शिक्षा, चिकित्सा, बिजली व पेयजल की सुविधा को सुलभ व सस्ता किया जाना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि अनिवार्यतः गरीबों को ये सब चीजें निःशुल्क उपलब्ध कराकर लोक कल्याणकारी राज्य का उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए.

इस दौरान प्रदेश महासचिव प्रेम प्रकाश वर्मा द्वारा सामाजिक, आर्थिक प्रस्ताव का वाचन किया गया और विस्तृत बहस के बाद इसे प्रदेश कार्यकारिणी और अन्य पदाधिकारियों ने पारित किया. सामाजिक आर्थिक प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा नौकरशाही को जवाबदेह, पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया.

प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष आदित्य यादव ने कहा कि प्रसपा जातीय व आर्थिक जनगणना की सिफारिश करती है जिससे जो आर्थिक नीतियां बनें, वे पारदर्शी व प्रभावशाली हों!

गौरतलब है कि शिवपाल यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। चाचा-भतीजा के बीच 2016 में सपा की सरकार रहते ही अनबन शुरू हुई, तो फिर दोनों के रास्ते जुदा जुदा हो गये.

शिवपाल ने वर्ष 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले चाचा-भतीजा एक मंच पर आ गए. इसके बाद शिवपाल सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए.

हालांकि, चुनाव परिणाम आने के बाद ही एक बार फिर दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई. राष्ट्रपति चुनाव में शिवपाल ने अखिलेश यादव की पसंद के उम्मीदवार यशवंत सिन्‍हा का विरोध किया, तो सपा ने भी उन्‍हें आजाद कर दिया. शिवपाल अब अपनी पार्टी और इससे जुड़े संगठन मजबूत करने में सक्रिय हो गये हैं.

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