मनहर खेड़ा किले में रहता है RLD विधायक अशरफ का परिवार, इसे बताता है पुश्तैनी प्रॉपर्टी पर मामले में आ गया ट्विस्ट

शामली का ऐतिहासिक किला विवादों में, आरएलडी विधायक अशरफ अली और राजपूत समाज के दावे आमने-सामने. जानें पूरा मामला.

RLD Mla Ashraf Ali News

शरद मलिक

• 06:40 PM • 30 Dec 2024

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RLD Mla Ashraf Ali News: उत्तर प्रदेश के शामली जनपद का ऐतिहासिक मनहर खेड़ा किला इन दिनों विवादों का केंद्र बना हुआ है. एक ओर थानाभवन से राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के विधायक अशरफ अली इसे अपनी पैतृक संपत्ति बता रहे हैं, तो दूसरी ओर राजपूत समाज इसे अपने पूर्वजों का किला मानते हुए इसे संरक्षित करने की मांग कर रहा है. बता दें कि इस किले में वर्तमान में कई परिवार रहते हैं, जिसमें  विधायक अशरफ अली खान का आवास भी शामिल है. 

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यह मामला इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि किले को लेकर स्थानीय लोग लंबे समय से इसकी ऐतिहासिकता की दुहाई दे रहे हैं. पुरातत्व विभाग ने किले से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं और अब यह मामला राजनीतिक और सांस्कृतिक विवाद का रूप ले चुका है.

किले को लेकर क्यों हो रहा विवाद?

राष्ट्रीय लोकदल के विधायक अशरफ अली ने किले को अपनी पैतृक संपत्ति बताया है. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि उनके पास इस दावे को साबित करने के लिए सबूत हैं. दूसरी ओर, राजपूत समाज और मनहर खेड़ा कल्याण दुर्ग समिति का दावा है कि यह किला उनके पूर्वजों का है.

क्या है राजपूत समाज का दावा?

सहारनपुर के भारी गांव के निवासी भानु प्रताप सिंह ने किले को अपने पूर्वजों का बताते हुए कहा कि वर्षों पहले उनके परिवार के लोग इस किले के राजा थे. उनका दावा है कि जलाल खान ने राजपूतों को जहर देकर मार डाला था, जिसमें 1444 राजपूतों की मौत हुई थी. 

पुरातत्व विभाग ने दिए ये निर्देश

 

पुरातत्व विभाग ने शामली एसडीएम को किले से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. एसडीएम सदर हामिद हुसैन ने सभी दस्तावेज पुरातत्व विभाग को सौंप दिए हैं. मालूम हो कि सहारनपुर कोर्ट ने 1868 में अशरफ अली के पूर्वजों के किले पर मालिकाना हक के दावे को खारिज कर दिया था. इसके बावजूद, राजपूत समाज का आंदोलन जारी है. उनका कहना है कि किले को संरक्षित किया जाए और उनके पूर्वजों की अस्थियों को सनातन रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए. 

 

 

हिंदू संगठनों की रणनीति

हिंदू संगठनों ने भी किले को संरक्षित करने की मांग को लेकर अपनी रणनीति तैयार कर ली है. लगातार किले की ऐतिहासिकता को संरक्षित करने की आवाज उठाई जा रही है. 

एसडीएम ने क्या कहा?

शामली के एसडीएम हामिद हुसैन ने कहा कि 'हमने पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर को इसकी जानकारी दे दी है. अब जो आदेश लखनऊ से आएगा उसपर अमल किया जाएगा.'

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