अखिलेश के बयान पर मायावती ने किया ट्वीट- इनका दलित प्रेम मुख में राम बगल में छुरी जैसा है

यूपी तक

• 04:37 PM • 29 Sep 2022

UP Poltical News: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की फिर ताजपोशी के बाद उनके दिए बयान पर मायावती ने पलटवार किया है. मायावती ने…

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UP Poltical News: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की फिर ताजपोशी के बाद उनके दिए बयान पर मायावती ने पलटवार किया है. मायावती ने ट्वीट कर कहा- ‘इनका दलित व पिछड़ा वर्ग प्रेम मुंह में राम बग़ल में छुरी को ही चरितार्थ करता है।’ गौरतलब है कि सपा प्रमुख ने कहा कि- वो लोग भी आज समाजवादी से जुड़ रहे हैं, जो बाबा साहेब का सपना पूरा करना चाहते हैं. शोषित, दलित, पिछड़े आज सभी समाजवादी की तरफ़ उम्मीद से देख रहे हैं. हम लोहिया और बाबा साहेब के विचारों के साथ चल रहे हैं.

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अखिलेश यादव के इस बयान पर बीएसपी प्रमुख मायावती का रिएक्शन आया है. मायावती ने दो ट्वीट किए हैं. पहले में उन्होंने कहा- ‘समाजवादी पार्टी द्वारा अपने चाल, चरित्र, चेहरा को ’अम्बेडकरवादी’ दिखाने का प्रयास वैसा ही ढोंग, नाटक व छलावा है जैसा कि वोटों के स्वार्थ की ख़ातिर अन्य पार्टियां भी अक्सर यहां ऐसा करती रहती हैं। इनका दलित व पिछड़ा वर्ग प्रेम मुंह में राम बग़ल में छुरी को ही चरितार्थ करता है।’

दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा- ‘वास्तव में परमपूज्य डा. भीमराव अम्बेडकर के संवैधानिक व मानवतावादी आदर्शों को पूरा करके देश के करोड़ों गरीबों, दलितों, पिछड़ों, उपेक्षितों आदि का हित, कल्याण व उत्थान करने वाली कोई भी पार्टी व सरकार नहीं है और सपा का तो पूरा इतिहास ही डा. अम्बेडकर व बहुजन विरोधी रहा है।’

अगर पिछले कुछ हफ्तों की ही बात करें तो ये पहली बार नहीं है जब मायावती ने सपा पर हमला बोला है. इससे पहले भी मायावती हमलावर रही हैं. पिछले दिनों मायावती ने ट्वीट कर सपा को बीजेपी के मुकाबले कमजोर बताते हुए कहा- ‘भाजपा की घोर जातिवादी, साम्प्रदायिक व जनहित-विरोधी नीतियों आदि के विरुद्ध उत्तर प्रदेश की सेक्युलर शक्तियों ने सपा को वोट देकर यहां प्रमुख विपक्षी पार्टी तो बना दिया, किन्तु यह पार्टी भाजपा को कड़ी टक्कर देने में विफल साबित होती हुई साफ दिख रही है, क्यों?’

इससे पहले मायावती ने भाजपा और सपा पर सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा- “सपा यूपी में अपना जनाधार खोती जा रही है, जिसके लिए उसका अपना कृत्य ही मुख्य कारण है. परिवार, पार्टी और इनके गठबंधन में आपसी झगड़े, खींचतान और आपराधिक तत्वों से इनकी खुली सांठगांठ व जेल मिलान आदि की खबरें मीडिया में आमचर्चाओं में है तो फिर लोगों में निराशा क्यों न हो? सपा की भाजपा के साथ अन्दरुनी मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है और यही खास वजह है कि सपा के मुख्य विपक्षी पार्टी होने पर बीजेपी सरकार को यहां (यूपी) वॉकओवर मिला हुआ है व सरकार को अपनी मनमानी करने की छूट है. इससे आमजनता व खासकर मुस्लिम समाज का जीवन त्रस्त व उनमें काफी बेचैनी.”

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विपक्ष अगर बहनजी को पीएम पद का चेहरा बनाना चाहे तो वो उसके लिए तैयार हैं?’ इसके जवाब में धर्मवीर चौधरी ने कहा, “हां हम बिलकुल स्वागत करेंगे. बहन जी अखिलेश यादव ही नहीं आज की डेट में मोदी से भी बड़ी नेता हैं. उत्तर प्रदेश से दिल्ली का रास्ता तय होता है. प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से ही बनते आए हैं. तो ये विपक्ष के लिए एक मौका है वो बहन कुमारी मायावती जी को संयुक्त गठबंधन का प्रत्याशी घोषित करें और फिर देखिए की इन फिरकापरस्त ताकतों को हम कितनी जल्दी और आसानी से हरा पाएंगे.”

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