Keshav Prasad Maurya News: उत्तर प्रदेश की सुर्खियों में इन दिनों सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद के बयान छाय हुए हैं. दरअसल, लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के भीतर भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद से डिप्टी सीएम मौर्य ने कुक ऐसे बयान दिए जिन्हें सीएम योगी के खिलाफ माना गया. बता दें कि डीप्टी सीएम ने कुछ दिन पहले 'संगठन सरकार से बड़ा होता है' बयान देकर सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी थी. इस बयान के बाद राजनितिक जानकारों ने कहा कि सीएम योगी और केशव मौर्य के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है. वहीं, केशव मौर्य अपने इस बयान पर बने हुए हैं. लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में फिर एक बार उन्होंने यही बयान दिया.
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केशव मौर्य ने कहा, "वो तो संगठन बड़ा है ही सरकार से. संगठन के कारण सरकार बनती है. पार्टी के फोरम पर यही बात होती है."
वहीं, इस दौरान केशव मौर्य ने एक और बयान दिया, जो खूब चर्चा के केंद्र में रहा. बता दें कि गोरखपुर में पंडित हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बन रहे चबूतरे को तोड़े जाने के मामले में डिप्टी सीएम मौर्य ने अपनी प्रतिक्रिया दी. पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा, 'ये गोरखपुर वाले जानें यार. ये सरकार का मामला नहीं है.'
क्या हैं इस बयान के मायने?
सियासी जानकार ऐसा कह रहे हैं कि केशव मौर्य ने इस बयान के जरिए परोक्ष रूप से सीएम योगी पर ही तंज कसा है. दरअसल, राजनितिक रूप से गोरखपुर सीएम योगी की कर्मभूमि है. यहां से विधायक चुने जाने से पहले वह गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का लंबे समय तक प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वहीं, पंडित हरिशंकर तिवारी भी गोरखपुर के ही थे. सीएम योगी और हरिशंकर तिवारी की अदावत किसी से छिपी हुई नहीं है. ऐसे में सीएम योगी के साथ सब कुछ ठीक न होने की खबरों के बीच केशव प्रसाद मौर्य का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है.
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