वाराणसी में 2 मार्च को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का काफिला बीच सड़क पर रोककर हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने भारी हंगामा किया. इन कार्यकर्ताओं ने ममता को काला झंडा दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया.
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यह घटना उस वक्त हुई, जब वाराणसी के चेतगंज इलाके से ममता बनर्जी का काफिला दशाश्वमेध घाट गंगा आरती में शामिल होने के लिए जा रहा था.
प्रदर्शनकारी हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी को ‘हिंदू विरोधी’ बताते हुए ‘वापस जाओ’ के नारे भी लगाए.
ममता बनर्जी ने कार से उतरकर प्रदर्शनकारियों को देखा और कहा, ”मैं वापस जाने के लिए नहीं आई हूं, बीजेपी वालों के मन में हार का डर दिख रहा है.” हालांकि, बाद में सुरक्षाकर्मियों की मदद से ममता का काफिला आगे बढ़ गया.
इस मामले पर समाजवादी पार्टी (एसपी) चीफ अखिलेश यादव की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ”बीजेपी के बिगड़े हालात हैं क्योंकि दीदी-भैया साथ हैं. बीजेपी पश्चिम बंगाल में हुई शर्मिंदा हार के सदमे से अभी भी नहीं उबरी है, इसीलिए सुश्री ममता बनर्जी जी को बनारस में काले झंडे दिखा रही है. ये भाजपाइयों की हताशा का ही दूसरा रूप है क्योंकि वो जानते हैं कि वो यूपी भी बुरी तरह हार रहे हैं.”
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अखिलेश यादव का समर्थन कर रही हैं. उन्होंने पिछले दिनों जनता से अखिलेश को जिताने की अपील भी की थी.
वाराणसी में 3 मार्च को ममता, अखिलेश यादव और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के साथ एक संयुक्त चुनावी रैली भी करने वाली हैं.
‘इस बार अखिलेश 300 पार’ का नारा देकर ममता बोलीं- UP से BJP को हटा दो, देश से हम हटा देंगे
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