UP CM Yogi Adityanath at BJP OBC Morcha Meeting: उत्तर प्रदेश की सियासत में इस वक्त भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आंतरकि संकट से जूझती नजर आ रही है. बीजेपी में संगठन बनाम सरकार की लड़ाई फिलहाल समाप्त होती नजर नहीं आ रही. पिछले दिनों दिल्ली में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में सीएम योगी और उनके डिप्टी सीएम केशव, ब्रजेश पाठक पहुंचे जरूर लेकिन लौटने के बाद भी सब ऑल इज वेल नहीं दिख रहा. इसका एक संकेत सोमवार को बीजेपी की ओबीसी मोर्चा की कार्यसमिति के बैठक में देखने को मिला.
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इस बैठक को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर कहा कि सरकार नहीं बल्कि संगठन चुनाव लड़ता है. केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक कार्यक्रम में सीएम योगी के आने से पहले ही निकल गए. लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी अपने संबोधन में भरसक सारे जवाब देने की कोशिश की. उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन अपनी सरकार को ओबीसी, दलित आरक्षण विरोधी ठहराने की कथित कोशिशों का जवाब जरूर दिया.
सीएम योगी ने ओबीसी आरक्षण के आंकड़े गिनाए
सीएम योगी ने कहा कि 69000 शिक्षकों की भर्ती के बारे में जो लोग प्रश्न खड़ा करते हैं, उन्हें जानना चाहिए कि अगर OBC की 27 फीसदी रिजर्वेशन होती तो 18 हजार ही शिक्षक ही भर्ती होते. सीएम योगी ने दावा किया 69000 शिक्षकों में 31 हजार से ज्यादा भर्तियां OBC की हुई हैं. सीएम ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती को उन्हीं लोगों ने विवादित बनाया जिन्होंने 86 में से 54 एसडीएम एक ही जाति के बनाए थे.
सीएम योगी ने कहा कि लोकसभा का चुनाव ये उदाहरण है कि कैसे जातियों को आपस मे लड़ाया गया. योगी ने केशव प्रसाद मौर्य और अनुप्रिया पटेल का नाम लिए बग़ैर कहा कि, 'कुछ लोग हम पर आरोप लगाते हैं. सपा सरकार में 86 एसडीएम की नियुक्ति हुई. 86 में से 56 सिर्फ एक ही जाति से हुई,वो लोग इस बात पर खामोश हो जाते हैं.'
सीएम योगी ने कहा कि, 'पिछले 7 वर्षों में हमने 6.50 लाख सरकारी भर्ती की. इसमें 60% ओबीसी समाज की भर्ती की. 69 हजार शिक्षको की भर्ती में हमने इसको लागू किया. ये वही लोग प्रश्न खड़ा करते हैं, जो 86 में 56 एक ही समाज की भर्ती करते थे.'
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