कृष्णानंद पर बरसाई गई थीं 400 राउंड गोलियां! अफजाल पर फैसला आने से पहले जानिए केस की पूरी कहानी

Krishnanand Rai Murder News: गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद अफजाल अंसारी के लिए आज का दिन (29 जुलाई) काफी अहम है. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस संजय सिंह की बेंच कृष्णानंद राय हत्याकांड केस में अफजाल अंसारी को मिली 4 साल की सजा को लेकर अपना फैसला सुनाएगी.

File Photo: Krishnanand Rai

यूपी तक

• 12:58 PM • 29 Jul 2024

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Krishnanand Rai Murder News: गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद अफजाल अंसारी के लिए आज का दिन (29 जुलाई) काफी अहम है. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस संजय सिंह की बेंच कृष्णानंद राय हत्याकांड केस में अफजाल अंसारी को मिली 4 साल की सजा को लेकर अपना फैसला सुनाएगी. ऐसे में आज हम आपको कृष्णानंद राय हत्याकांड के बारे में तफ्सील से बताएंगे. इस खबर में आप विस्तार से जान सकेंगे कि कैसे साल 2005 में गोलियों से भूनकर कृष्णानंद राय की हत्या की गई और वारदात वाले दिन क्या-क्या हुआ था?

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अब जानिए पूरी कहानी

गौरतलब है कि साल 2002 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट से कृष्णानंद राय ने मुहम्मदाबाद सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल को हरा दिया था. इसी के बाद से कृष्णानंद राय और मुख्तार अंसारी के बीच अदावत शुरू हो गई. वहीं, 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय करीमुद्दीनपुर इलाके के सेनाड़ी गांव में एक क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने जा रहे थे.

कृष्णानंद राय के शरीर से निकली थीं 60 गोलियां 

जिस दिन राय क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने जा रहे थे, उस दिन बारिश हो रही थी. इसी के चलते वह अपनी बुलेटप्रूफ गाड़ी छोड़कर किसी दूसरी कार से मौके के लिए निकले. जब वह वापस आ रहे थे तब उसरी चट्टी के पास घेरकर उन पर एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग की गई. कृष्णानंद पर तकरीबन 400 गोलियां चलाई गईं. इस वारदात में बीजेपी विधायक समेत 7 लोग मारे गए. कृष्णानंद राय के शरीर से 60 से ज्यादा गोलियां निकाली गई थीं.

 

 

इस हत्याकांड में भी मुख्तार को मुख्य आरोपी बनाया गया. कहा गया कि मुख्तार ने जेल में बैठे-बैठे कृष्णानंद की हत्या कर पुरानी दुश्मनी का बदला लिया है. हालांकि, सीबीआई ने मामले की जांच की और स्पेशल कोर्ट से मुख्तार बरी हो गया. मगर कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में उसे दोषी पाया और 10 साल की सजा के साथ जुर्माना भी ठोका. बीजेपी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह ने मुलायम सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. आखिर में हाई कोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंपी गई. फिर केस दिल्ली ट्रांसफर हुआ.

कृष्णानंद राय के बेटे ने बताई थी ये बात 

यूपी Tak से बात करते हुए पीयूष राय ने बताया था, "पिता की हत्या का बाद हत्यारे उनकी शिखा (चोटी) को काटकर अपने साथ ले गए थे. हत्यारों ने केवल उनकी ही शिखा नहीं काटी थी, बल्कि एक पूरे समाज की शिखा काट दी थी.


 

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