मिलेगी राहत या जाएगी सांसदी? जानें जिस केस में अफजाल पर आना है फैसला, उसमें अभी तक क्या हुआ?

संतोष शर्मा

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Afzal Ansari
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UP News: आज उत्तर प्रदेश की सियासत में चर्चित अंसारी परिवार के लिए बड़ा दिन है. सोमवार यानी आज गाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीते अफजाल अंसारी के राजनीतिक भविष्य का फैसला होना है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस संजय सिंह की बेंच कृष्णानंद राय हत्याकांड केस में अफजाल अंसारी को मिली 4 साल की सजा को लेकर अपना फैसला सुनाएंगी.

बता दें कि 29 नवंबर 2005 के दिन गाजीपुर में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी. इस केस के बाद दर्ज हुए गैंगस्टर एक्ट के केस में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीते 29 अप्रैल 2023 को मुख्तार अंसारी को 10 तो वही अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी. आज इसी सजा पर हाईकोर्ट का फैसला आना है. कोर्ट ने 4 जुलाई के दिन ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

अभी तक इस केस में क्या-क्या हुआ?

29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी. नियम के मुताबिक दो साल से अधिक की सजा होते ही किसी भी जनप्रतिनिधि की सदस्यता खत्म हो जाती है. ऐसे में 1 मई 2023 को लोकसभा स्पीकर ने अफजाल अंसारी की सदस्यता खत्म करने का आदेश जारी कर दिया.

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अफजाल अंसारी ने एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी को गैंगस्टर के मामले में जमानत तो दी, लेकिन सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. अफजाल अंसारी ने जेल से बाहर आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई और दलील दी कि वह गाजीपुर जिले की 20 लाख की जनता के प्रतिनिधि हैं. उनकी सदस्यता खत्म होने से जिले की 20 लाख जनता का प्रतिनिधित्व नहीं रह गया और जिले का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है.

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की इस दलील को सुनने के बाद पाबंदी के साथ लोकसभा सदस्यता को जारी रखने का आदेश दिया, लेकिन इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया और हाई कोर्ट को आदेश दिया कि वह 30 जून से पहले-पहले इस केस पर फैसला दे.

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हाईकोर्ट में क्या रखा अफजाल अंसारी ने तर्क?

बता दें कि हाई कोर्ट में अफजाल अंसारी की तरफ से तर्क रखा गया है कि कृष्णानंद राय हत्याकांड के मुख्य केस में अफजाल अंसारी साजिश रचने के आरोपी थे. इस मामले में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था. ऐसे में मुख्य केस में बरी होने के बाद  गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में उनकी सजा को भी रद्द किया जाए.

यूपी सरकार भी कोर्ट पहुंच गई

दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार भी इस केस को लेकर कोर्ट चली गई. यूपी सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में कहा गया कि इस मामले में अफजाल अंसारी की सजो को 4 साल से अधिक बढ़ाया जाए. पीड़ित परिवार और यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि इस केस में मुख्तार के साथ-साथ अफजाल भी बराबर के साथी रहे हैं. ऐसे में उन्हें भी 10 साल की सजा सुनाई जाए.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस संजय सिंह की बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब 25 दिन बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट इसी मामले में फैसला सुनाने जा रहा है. इस फैसले पर सिर्फ अंसारी परिवार की ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के नेताओं की भी निगाह टिकी हुई हैं.

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